गोरी गंगा नदी पर बसी नयनाभिराम घाटी है जोहार की उपत्यका. जो घिरी है पंचचूली, राजखंबा, हंसलिंग और छिपलाकेदार पर्वत श्रृंखला से. अप्रतिम सौंदर्य के सम्मोहन से इसे “सौ संसार एक जोहार... Read more
भात के साथ पोषण, ताकत और ठण्डी-गर्मी की परेशानियों से बचाने को बहुत सारी पहाड़ी दालों, सब्जियों और मसालों का मेल बना. (Traditional Pulses and spices of Uttarakhand) ऐसे ही घालमेल से बनती है... Read more
Popular Posts
- कुणाल तुम आजाद ही हुए : श्रद्धांजलि
- इगास से जुड़ी एक कथा
- आज बूढ़ दीवाली है
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू, उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- डूबता शाम का सूरज पिथौरागढ़ से : फोटो निबंध
- जब हम असभ्य और मूर्ख थे तब प्रकृति का सम्मान करते थे
- पहाड़ियों में इन महीने ही क्यों होती है शादी
- 1852 में केदारनाथ
- नवम्बर में मुनस्यारी : फोटो निबन्ध
- आज ही के दिन बैरन के पहले कदम पड़े नैनीताल में
- सुबह का आना, कभी न ख़त्म होने वाली उम्मीद का आना
- सीमान्त जनपद के एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जो आजादी के संघर्ष में हुए शहीद
- सपने में हवाई यात्रा ज़मीं पर बसें ख़स्ता-हाल
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : कुछ सुस्त कदम रस्ते कुछ तेज कदम राहें
- अथ उपटापि चरितम्
- पुरखों की बाखली पहुंचे धोनी : तस्वीरें
- इसलिए ख़ास है अल्मोड़ा का दशहरा
- तेरह, तेरस और ट्रिसकाइडेकाफोबिया
- पौराणिक तीर्थस्थल श्री सेम मुखेम
- लेखन यात्रा के बहाने
- रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा: हिमालय में आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
- मालरोड मसूरी
- प्रथम महावीर चक्र विजेता शहीद दीवान सिंह दानू
- कुमाऊं में यहां से होते हैं पवित्र कैलाश के दर्शन
- वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन को चुनौती