Home Memory of Girda
हम जाने भी कहां देंगे तुमको गिर्दा
Posted By: Girish Lohanion:
उस साल यानी 2010 में अचानक एक याद बन गया गिर्दा. इतवार, 22 अगस्त का दिन था. बारह बजे के आसपास मोबाइल फोन कुनमुनाया. देखा, लखनऊ से नवीन का संक्षिप्त एस एम एस था- ‘हमारे गिर्दा चल दिए इस दुनिय... Read more
जनकवि गिर्दा को आज अल्मोड़ा के रंगकर्मियों, आन्दोलनकारियों व आम लोगों ने उनकी आठवीं पुण्यतिथि पर उनके गीत गाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर वक्ताओं ने गिर्दा के जीवन से जुड़ी महत्वप... Read more
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