Home Kheem Singh Negi Freedom Fighter of Uttarakhand
स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान एक उत्तराखंडी स्वतंत्रता सेनानी की जेल की यादें
Posted By: Kafal Treeon:
बात सन् 1921-22 की है. तब मेरी उम्र लगभग 5 वर्ष होगी. हम अपने गाँव (नौगाँव, पो. कफड़ा, विकास खण्ड द्वाराहाट) से 8 मील दूर रानीखेत में रहते थे. जरूरी बाजार में मेरे पिताजी की दुकान थी. रानीखे... Read more
Popular Posts
- उत्तराखण्ड का वह गाँव जहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त एक दिन में दो बार होता है
- कहानी : पेन पाल
- पहाड़ी ऐसे मनाते हैं बंसत पंचमी
- गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगा छोलिया नृत्य
- दो गज जमीन
- क्या सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु देहरादून में हुई
- टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑल वैदर रोड पर बिताई दो रातें
- नेताजी को उत्तराखंडी जांबाजों पर था सबसे ज्यादा भरोसा
- एक महान सपने को साकार होते देखने की चित्र गाथा है ‘परेड ग्राउण्ड टू लैंसडाउन चौक‘
- बसंत हमारी आत्मा का गीत और मन के सुरों की वीणा है
- जोशीमठ के पहाड़
- जोशीमठ की पूरी कहानी
- न जाने पहाड़ के कितने परिवारों की हकीकत है शंभू राणा की कहानी ‘बेदखली’
- जब हिन्दी फिल्मों में पहाड़ी लोकगीतों की धुनों का इस्तेमाल होता था
- टनकपुर किताब कौथिग का दूसरा दिन
- राजा-पीलू की जोड़ी
- हल्द्वानी की जामा मस्जिद और अब्दुल्ला बिल्डिंग का इतिहास
- 1985 में पौड़ी गढ़वाल पर लिखा एक महत्वपूर्ण लेख
- उतरैणी कौतिक बागेश्वर की तस्वीरें
- घरों में आदमी नहीं अब दरारें हैं
- धारचूला से आई एक खबर ने खुश कर दिया
- प्रेम ग्रन्थ भनार टनकपुर के बुबू : कैलाश चंद्र लोहनी
- सुनें घुघुतिया का गीत
- आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ खै जा
- सफरनामा: लोहाघाट से नैनीताल तक