अब होली जैसी होली नहीं बची पहाड़ों में
होली आने वाली है ये सोचकर ही इस साल मन में काफी उत्साह था क्योंकि बचपन की होली की तस्वीर सामने थी और 2008 के बाद पहाड़ की होली देखने का यह बहुत खास मौका था. शायद इकलौता हमारा ही गाँव होगा जह... Read more
तब देख बहारें होली की
अठारहवीं शताब्दी के आगरा के शायर नजीर अकबराबादी (Nazeer Akbarabadi 1740-1830) ने अपने आसपास के साधारण जीवन पर तमाम कविताएँ लिखीं. होली पर उनकी यह रचना बहुत विख्यात है. जब फागुन रंग झमकते हों... Read more
उत्तराखंड में गायी जाने वाली होलियां
उत्तराखंड में गायी जाने वाली होली मूलतः ब्रजभाषा से प्रभावित है. गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही हिस्सों में अनुवादित होली ही अधिकांशतः गायी जाती हैं हालांकि कुमाऊं क्षेत्र में मौलिक होली भी गायी ज... Read more
काफल ट्री के नियमित सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी ने ‘उत्तराखण्ड होली के लोक रंग’ नाम से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का सम्पादन किया है. समय साक्ष्य प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का प्रार... Read more
Popular Posts
- छिपलाकोट अंतर्कथा : मुझे एक जगह आराम नहीं, रुक जाना मेरा काम नहीं
- उत्तराखंड में भादो अष्टमी और सातों-आठों का लोकपर्व
- सातों-आठों से जुड़ी गौरा-महेश्वर की कथा
- अनुपमा का प्रेम
- लोकपर्व सातों-आठों पर कही जाने वाली कथा
- सातों-आठों में आज घर आयेंगी गौरा दीदी
- वह एक प्रेम पत्र था
- लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला को नमन
- सातों-आठों में गाये जाने वाले गीत और परम्पराएं
- घ्यूं त्यार क्यों मनाया जाता है
- मक्खी और शेर की लड़ाई : लोककथा
- पकवानों की सुंगध से सराबोर रहेंगे आज पहाड़ियों के घर
- आज बिरुड़ पंचमी है
- सातों-आठों के लिये आज भिगाते हैं बिरुड़े
- कुमाऊं-गढ़वाल से आजादी की लड़ाई की दुर्लभ तस्वीरें
- बिश्नु : पहाड़ की कहानी
- उत्तराखंड की सड़कों पर बॉबी कटारिया की दादागिरी
- अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को दिलाया गोल्ड मेडल
- ऐसे होती है पारम्परिक कुमाऊनी शादी
- सावन के आखिरी सोमवार पर जागेश्वर धाम की तस्वीरें
- ‘कल्पेश्वर महादेव’ जहां भगवान शिव के जटा रूप की पूजा होती है
- संगज्यु और मित्ज्यु : कुमाऊं में दोस्ती की अनूठी परम्परा
- कॉमनवेल्थ गेम्स में छाई उत्तराखंड की स्नेह राणा
- आदमखोर बाघ और यात्री : पहाड़ी लोककथा
- तीसमारखां : नवीन सागर की कहानी