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चुस्त-दुरुस्त सर फर. अभी यहाँ से कुछ पौंधे सारे हैं. तो अब तेज हो गई सतझड़ से वो सारे गमले उठाने में जुट जाना है. सबमें जान ठहरी. इतने द्वौ बारिश आंधी कुहरे में तो गल जायेंगे. वो नीम की खाद... Read more
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