“हाँ साहब! वह पैठी है मन के भीतर” – गोपाल राम टेलर से महान लोकगायक तक गोपीदास का सफ़र
Posted By: Girish Lohanion:
1900-1902 के बीच कोसी नदी से सटे हुये गांव सकार में ‘दास’ घराने के एक हरिजन टेलर मास्टर के घर जन्मा था गोपाल राम. इस खानदान में गाथा गायन अतीत से चला आया था. यह लोग बौल गायन तथा जागरी गाथा क... Read more
मेरे जाने के बाद कोई नहीं गायेगा मालूशाही
Posted By: Kafal Treeon:
उत्तराखंड के महान मालूशाही-गायक गोपीदास के साथ अपनी पहली मुलाक़ात को याद करते हुए जर्मनी के मानवशास्त्री और भारत के अध्येता कोनराड माइजनर ने लिखा है: गोपीदास से 1966 में हुई पहली मुलाकात को म... Read more
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