उत्तराखंड के एक कलेक्टर जिनका काम ही उनकी पहचान है
हमारे सिस्टम में तीन पदों की बड़ी अहमियत है, पीएम, सीएम और डीएम. किसी भी जिले में डीएम यानी कलेक्टर जिसे जिलाधीश भी कहते हैं और जिलाधिकारी भी, कुछ राज्यों में इसे उपायुक्त भी कहा जाता है. कह... Read more
कुछ समय पहले हमने एक ख़बर दी थी कि पौड़ी जिले के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर पहली से पांचवीं क्लास तक के बच्चों के लिये विशेषज्ञों द्वारा गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. पौड़ी... Read more
पौड़ी के डीएम धीराज गर्ब्याल की पहल पर पांचवीं कक्षा तक गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार
पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की मुहिम रंग लायी और विषय विशेषज्ञों ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है. कल गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्... Read more
Popular Posts
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध