Prem Chand Sharma Agriculture Uttarakhand Read more
आज है कैप्टन धूम सिंह चौहान की 135वीं जयंती
गढ़वाल राइफल्स की स्थापना 5 मई 1887 को अल्मोड़ा में हुई थी. इसी दिन पहली बटालियन रेज़ की गयी. प्रथम विश्वयुद्ध शुरु होने के समय अर्थात् 1914 में गढ़वाल राइफल्स की दो बटालियन थी. दोनों ने इस... Read more
स्वाधीनता संग्राम में गढ़वाल का चंपारण ककोड़ाखाल: कुली बेगार विरोधी आंदोलन के सौ साल
1857 की क्रांति में गढ़वाल भू-भाग में पूरी तरह शांति रही. इतनी कि तत्कालीन कमिश्नर रैमजे को गढ़वाल भ्रमण पर होने के बावजूद नैनीताल पहुँचना ही श्रेयस्कर लगा. उसी गढ़वाल में अंग्रे राज्य के वि... Read more
दीवाली-सा लगा था गढ़वालियों को वो क्रिसमस
क्रिसमस-युद्धविराम, प्रथम विश्वयुद्ध की सबसे प्रसिद्ध उपकथाओं में से एक है. पूरी तरह से अनऑफिशियल और तात्कालिक ये युद्धविराम 24-25 दिसम्बर 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चिमी मोर्चे पर हुआ थ... Read more
अलविदा मंगलेश दा
जिनकी स्मृति में बिजली के लट्टुओं से जगमग पहाड़ की ही छवि है वो पहाड़ में लालटेन के बिम्ब का निहितार्थ कभी समझ ही नहीं सकते. पहाड़ में लालटेन औद्योगिकीकरण का प्रथम संदेशा लेकर आयी थी. पर पहा... Read more
इगास: वंचितों को समर्पित लोकपर्व
जो छूट गए, जो पिछड़ गए हैं और जो अधिकारों से वंचित रह गए हैं, सरकारें उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएँ बनाती है. लोक-समाज, पर्व-त्योहार बनाता है. सबके हिस्से में हर्ष-उल्लास सुनिश... Read more
मुंबई के प्रसिद्ध बांद्रा-वर्ली सी लिंक से गुजरते हुए जो पहला खयाल दिमाग में आया था वो ये कि जब अरब सागर पर ऐसा पुल बन सकता है तो टिहरी झील के आर-पार ऐसा ही पुल बनाने में क्या कठिनाई हो सकती... Read more
आईपीएल 2020 शुरू होने से पहले ही जीत लिया गया है. कम से कम उत्तराखंड में तो यही माना जा रहा है. और मानें भी क्यों नहीं. आखिर उसकी एक बेटी जो चुनी गयी है प्रमुख उद्घोषक. ये बेटी है, तान्या पु... Read more
हिन्दी के अनेक रुप
मेरी पढ़ाई-लिखाई का माध्यम हिंदी था. ज़ाहिर है विचार-प्रक्रिया भी हिंदी में ही चलती है. साहित्य भी सर्वाधिक हिंदी का ही पढ़ा है तो अभिव्यक्ति की भी सबसे सहज भाषा हिंदी ही है. किंतु मेरे हिंद... Read more
हिमालय से हम हैं और हमारे लिए हिमालय
हिमालय अमर नहीं है. गोंडवानालैंड के जमाने में ये था ही नहीं. गोंडवानालैंड के एक हिस्से के छिटक कर एशियाखंड से मिलने या टकराने से अस्तित्व में आया था हमारा हिमालय. पर्वत श्रृंखलाओं की बिरादरी... Read more
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