वीरेन डंगवाल का स्मारक बनेगा बरेली में
Posted By: Kafal Treeon:
साहित्य अकादेमी सम्मान से पुरुस्कृत विख्यात हिन्दी कवि वीरेन डंगवाल (Viren Dangwal) की स्मृति में शीघ्र ही बरेली में एक स्मारक निर्मित किया जाएगा. इस आशय की सूचना देते हुए वीरेन डंगवाल के बड़... Read more
आजादी का आन्दोलन और इबलीस की खंभा प्रेस
Posted By: Sudhir Kumaron:
अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास कितना भी किया जाए, लोग रास्ता निकाल ही लेंगे. ऐसा अंग्रेजों के जमाने में बरेली शहर में हुआ.ये वाकया है 1920 के बाद का, जब असयोग आंदोलन चला और ठंडा हो... Read more
Popular Posts
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध