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पांचवी में बोर्ड परीक्षा की भीनी-भीनी यादें
Posted By: Kafal Treeon:
जी! आप चैंकिए मत! थी यह बोर्ड परीक्षा ही, लेकिन हम चैड़ूधार के सभी छात्र-छात्राओं उर्फ छोर-छ्वारों के लिए पांचवी की बोल्ड परीक्षा ही होती थी. वैसे तो परीक्षा हर साल होती रही होगी, पर हमें उस... Read more
ललित मोहन रयाल ने हिंदी साहित्यिक जगत में अपनी पूर्व प्रकाशित दो पुस्तकों ‘खड़कमाफी की स्मृतियों से’ तथा ‘अथ श्री प्रयागकथा’ के द्वारा एक अद्वितीय स्थान बना लिया है.... Read more
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