रेडियो से समाचारों की सनसनी तक का सफ़र
Posted By: Sudhir Kumaron:
‘ये ऑल इंडिया रेडियो है. थोड़ी देर में आप समाचार सुनेंगे’. शाम के आठ बजते और दादा जी आँगन में लगी चारपाई पर अपने फिलिप्स का रेडियो लेकर समाचार सुनने बैठ जाते. अलबत्ता आंगनवाड़ी में पढ़ने वाल... Read more
झूठा है झूठी ख़बरों की खबर लेने का फेसबुक का दावा
Posted By: Kafal Treeon:
जबसे कैंब्रिज एनालिटका और फेसबुक का चुनावी घोटाला खुला है, फेसबुक के मार्क जकरबर्ग बार बार कह रहे हैं कि उनकी कंपनी फेक न्यूज और अफवाहों से लड़ने के लिए अपनी तकनीक विकसित कर रही है. जब अमेरि... Read more
Popular Posts
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध