भाव राग ताल नाट्य अकादमी द्वारा पिथौरागढ़ के लंदन फोर्ट में संस्कृत नाटक ‘स्वपनवासवदत्ता’ के हिंदी रूपांतरण का मंचन किया गया. महाकवि भास द्वारा रचित स्वपनवासवदत्ता नाटक का हिन्दी... Read more
उत्तराखण्ड के एक लोक शिल्पी का जीवन
ग्राम नुवाली पोस्ट चैनपुर, जिला पिथौरागढ के रहने वाले फुन राम इस समय 80 साल के है. फुन राम बचपन से ही अपने पिता देव राम के साथ दैन (पहाड़ी नगाड़ा) पर खाल चढ़ाने का काम करते आए हैं. उनके पिता... Read more
भाव राग ताल नाट्य अकादमी, पिथौरागढ़ द्वारा अपने यू ट्यूब चैनल से उत्तराखण्ड के लोक वाद्य कारीगरों के जीवन पर बनायीं गयी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘लोक थात के प्रहरी’ को रिलीज किया गया है. भाव राग... Read more
उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प और साहित्य के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर पिथौरागढ़ से है. लंदन फोर्ट पिथौरागढ़ में भाव राग ताल अकादमी के स्टोर में उन्हें अब राज्य की नायाब दस्तकारी के साथ-साथ साहित... Read more
Popular Posts
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध