कायनात की तमाम साज़िशों के बावजूद गणित’ज्ञ’ नहीं हो सके हम. ‘क’ पर ही निपट लिया मामला. उतनी ही गणित सीख सके जितनी बाज़ार से सौदा सुलुफ लाने में काम आ सके. आज भी कोई ब... Read more
देख तो दिल कि जाँ से उठता है…
गोर किस दिलजले की है… देख तो दिल कि जाँ से उठता है… चट्टे परेशान थे. नाराज़ थे. ‘हद्द है. कोई इज्जत नहीं अपनी. अब तो…’ उन्होंने छलांग लगा दी. थैले से बाहर. थैले... Read more
बहुत सी थर्ड डिग्रियां टहल रही हैं मार्केट में
समय की सबसे बड़ी समस्या है अविश्वास ! नहीं नहीं मैं कहूँगा गोल डिस्प्लेसमेंट! अं…ऊँ… खैर छोड़ो ! (Belief in the Time of Disbelief) देखो तो! उत्पादकता बढ़ाने के लिए कर्मचारियों को... Read more
जाने कहाँ से आ टपका ये काला धन
कुबेर आजकल बड़ी चिंता में हैं. उनका एक पुत्र कुपुत्र हो गया है. लोग बड़ी मोटी-मोटी गालियाँ देने लगे हैं उसे और `लॉ ऑफ इम्पार्टिंग कल्चर टू योर ऑफस्प्रिंग्स’ की मानक भारतीय परम्परा के अनुसार... Read more
ख़ाकी मर्ज, फ़र्ज़ और कर्ज़ की खिचड़ी है
युधिष्ठिर सरोवर में लोटा डुबाने ही वाले थे कि बगुला रूपी यक्ष प्रकट हुए और अपनी चिर-परिचित प्रश्नोत्तरी प्रस्तुत की. यक्ष- हे युधिष्ठिर ख़ाकी वर्दी क्या है? युधिष्ठिर- कुत्ता भगा... Read more
नाम में क्या रखा है
नाना के पास कहानियां थीं. नानी तो हमारे कहानी सुनने की उम्र से पहले ही खुद कहानी हो गईं थीं इसलिए हमने जब कहानी को कहानी की तरह पाया तो सामने नाना थे. शायद यही वजह रही हो कि हमें नानी और कहा... Read more
है दुनिया उसी की, ज़माना उसी का
(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-12 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़... Read more
खुद तो थे कंगाल गुरुजी कर गए मालामाल गुरुजी !
अभी पन्द्रह दिवस पूर्व ही लघु अमावस्या बीती है. इसे चेला अमावस भी कहते हैं. आज गुरु पूर्णिमा का पावन दिन आया है. आज के दिन उन सभी आत्माओं को मन-वचन से श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर आया है... Read more
इतनी कोफ़्त होने से आदमी कोफ्ता हो जाता है
थोथा देई उड़ाय-2 मुझे इस बात की भी कोफ़्त है खुद से, कि आज तक मेरा कलियुगी महासंस्कार नहीं हुआ. मॉडर्न वेदाज़ में जिसे ट्रोलिंग कहा गया है. हुआ तो वाइरल भी नहीं कभी, पर ज़्यादा बड़ी इच्छा तो... Read more
हाल-ए-दिल उनको सुनाना था सुनाया ना गया
(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-11 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़... Read more
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