कमजोर की मदद स्वयं ईश्वर भी नहीं करता : पहाड़ी लोककथा
एक दिन यूं ही बैठे-बैठे ईश्वर ने अपनी लीला रची और बना दिये खूब सारे जीव, नदी-नाले, पर्वत-पहाड़, समुद... Read more
एक दिन यूं ही बैठे-बैठे ईश्वर ने अपनी लीला रची और बना दिये खूब सारे जीव, नदी-नाले, पर्वत-पहाड़, समुद... Read more
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सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मु... Read more
(पिछली कड़ी से आगे. पिछली कड़ी का लिंक: एक मोहब्बतनामा हल्द्वानी से – 14) परमौत की प्रेमकहानी – 15 -अश... Read more
जीवन हमेशा इस क्षण में घटित होता है, इसलिए सबसे बड़ी बात यही मायने रखती है कि हम किसी क्षण में क्या... Read more
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र ह... Read more
एक दिन यूं ही बैठे-बैठे ईश्वर ने अपनी लीला रची और बना दिये खूब सारे जीव, नदी-नाले, पर्वत-पहाड़, समुद... Read more
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