गणेश जोशी हल्द्वानी निवासी गणेश जोशी एक समाचारपत्र में वरिष्ठ संवाददाता हैं. गणेश सोशल मीडिया पर अपनी ‘सीधा सवाल’ सीरीज में अनेक समसामयिक मुद्दों पर ज़िम्मेदार अफसरों, नेताओं आदि को कटघरे में खड़ा करते हैं. काफल ट्री के लिए लगातार लिखेंगे.... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछले कुछ सालों से, ये सवाल काफी बेचैन करता था कि टिहरी नगर/रियासत स्थापना दिवस पर सर्वसम्मति क्यों नहीं है. दो सौ साल पुरानी ही तो बात है. इतिहास में इस कालखण्ड को कंटेम्पररी एज कहा... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जमीं चल रही, आसमां चल रहा काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उल्का देवी मंदिर परिसर के ठीक नीचे वन विभाग के रेस्ट हाउस और प्रशासन के आवासीय छोटे क्वार्टरों से नीचे उतरते आता है पिथौ... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree हिमालय प्राकृतिक सौंदर्य व अद्भुत जैव विविधता से परिपूर्ण है. इसी कारण इसे अनजा-अजा की भूमि कहा जाता कहा है. शक्ति के स्वरूप को जानने की जिज्ञासा में देवी स्मरण दिलातीं हैं कि मुझ को... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree वरिष्ठ लेखिका शीला रजवार की यह रिपोर्ट महिला पत्रिका ‘उत्तरा महिला पत्रिका‘ की वेबसाईट से साभार ली गयी है. उत्तरा महिला पत्रिका उत्तराखंड की पहली महिला पत्रिका है. उत्तरा महिला पत्रिक... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree श्रावणी उपाकर्म व रक्षाबंधन का पर्व आज (30 अगस्त) मनाया जाएगा या कल 31 अगस्त 2023 को. इसको लेकर लोगों में अभी भी संशय बना हुआ. लोग सोशल मीडिया में इस बारे में पूछ रहे हैं. वैसे इस बार... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुर्मांचल में प्राचीन काल में जहाँ भी मन्दिरों का निर्माण हुआ, वह आबादी से हट कर कोई शान्त तथा रमणीक स्थल, अथवा देवदार या चीड़ के वनों के मध्य स्थित, या पुराणों से सम्बन्धित कोई... Read more
उत्तर रेलवे के कोटद्वार स्टेशन से 42 कि०मी० पुरातन शहर दुगड्डा से 27 कि०मी० उत्तर में 136 पुरानी छावनी युक्त एक छोटा किन्तु सुन्दर नगर लेन्सडौन लगभग 1780 मी० की ऊंचाई पर बसा है. लैन्सडोन का समस्त गढ़वाल के जनजीवन से एक अटूट सम्बन्ध है. स्वतंत्रता से... Read more
अल सुभह गांव के चौराहे वाले चबूतरे पर ननकू नाई उकड़ूं बैठकर अपने औजारों की सन्दूकची खोजने ही जा रहा था कि मिट्ठू आन पहुंचा.(Story by Bhagwati Prsaad Joshi) – राम-राम ननकू भाई – राम राम भाई मिट्ठू, बोल कोई काम? – बाल बनवाने हैं मूंड... Read more
पहाड़ में आण-काथ-लोक गाथाओं का अक्षय भंडार हुआ जिनके असंख्य किस्से आमा-बुबू के मुँह से नानतिनों तक पहुँच सुनहरी यादों को रचा-बसा देने वाले हुए. उस पर शारीरिक चेष्टाओं के द्वारा प्रकट भाव के विशिष्ट नृत्य जिनकी स्मृति से बदन में कम्प लहराने लगे, तभी इ... Read more