माफ़ करना हे पिता
सभी के होते हैं, मेरे भी एक (ही) पिता थे. शिक्षक दिवस सन् २००१ तक मौजूद रहे. उन्होंने ७१-७२ वर्ष की उम्र तक पिता का रोल किसी घटिया अभिनेता की तरह निभाया मगर पूरे आत्म विश्वास के साथ. लेकिन म... Read more
सुल्ताना डाकू का वफ़ादार कुत्ता
कालकोठरी से सुल्ताना ने फ्रेडी को मिलने का संदेशा भिजवाया. इस मुलाकात में सुल्ताना ने फ्रेडी से नजीबाबाद किले में नजरबंद अपने परिवार का ख़याल रखने को कहा. इस परिवार में सुल्ताना का प्यारा कु... Read more
हर्ष देव जोशी की वसीयत
हर्ष देव जोशी को कुमाऊं का चाणक्य कहा जाता है. हर्ष देव जोशी को कुमाऊं का ऐतिहासिक पुरुष तो सभी ने माना है लेकिन उन्हें कुमाऊं का चाणक्य कहे जाने पर सभी एक मत नहीं हैं. अनेक शासकों को धोखा द... Read more
गलत वर्तनी वाले पंडित, घूंघट वाले ठाकुर, छोटा ‘सा’ वाले बनिये और प्रदेश की ईंट-से-ईंट जोड़ते रहे एससी-एसटी शिल्पकार क्या इस बिल का फायदा उठा पाएंगे? (OBC Bill Uttarakhand Reference) जिन दिनो... Read more
12 अगस्त, 2020 को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व हाथी दिवस’ मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य हाथियों के संरक्षण, उनके गैर-कानूनी शिकार और उनके दाँतों के लिए होने वाली तस्करी को रोकने, उनके कम हो... Read more
नैनीताल में 1880 का भू-स्खलन
वृहस्पतिवार 16 सितम्बर 1880 ई. को जोर की वर्षा शुरू हुई और वह रविवार को 19 तारीख की शाम तक लगातार चलती रही. इस बीच में तैंतीस इंच वर्षा हुई, जिसमें से बीस से पच्चीस इंच शनिवार की शाम के पहले... Read more
वर्ष था 1977, जब उत्तराखंड में नैनीताल की खूबसूरत वादियों के बीच नैनीताल समाचार की शुरुआत हुई. नैनीताल समाचार ने इमरजेंसी के बाद बने मुश्किल हालातों के बीच अपने लिए एक अलग राह चुनी, यह वह रा... Read more
भाभर की बिल्ली को पहाड़ ले जाने की एक याद
बात वर्ष 1990-1992 की होगी जब बाबूजी के साथ पहली बार बाजपुर जाने का मौका मिला. मौका था छोटे दाज्यू (ताऊ जी के छोटे बेटे) की शादी में शामिल होने का. पहली बार अल्मोड़ा देखा था अल्मोड़े का बाजा... Read more
कालीनारा: लोकदेवता हरु और सैंम की माता
हरु की मां का नाम कालीनारा था. कालीनारा राजा निकदर की बेटी थी. मकर संक्रांति के मौके पर देव, जोगियों और भक्तजनों को कुम्भ स्नान के लिए जाता हुआ देख उसके मन में भी गंगा स्नान की इच्छा पैदा हु... Read more
झूसिया दमाई : कालीतट की भारतीय और नेपाली साझी संस्कृति की मौखिक परम्परा की जीवंत कड़ी
बस्कोट (नेपाल) में जन्मे झूसिया दमाई (जन्म: 1910, मृत्युः 16 नवम्बर 2005) जितने नेपाल के थे उतने ही भारत के भी और जितने भारत में फैले हैं उतने ही नेपाल में भी. उनकी रिश्तेदारी, जाति-बिरादरी... Read more