घुटनों का दर्द और हिमालय की पुकार
मॉं वर्षों पहले दुनिया छोड़ चली गई और उसके जाने के बाद मुझे पता चला कि वह मुझसे बहुत प्रेम करती थी. गठिया, ब्लड प्रेशर समेत अपनी तमाम बीमारियां परिवार में सबसे छुपाकर चुपचाप मुझे सौंप गई. अक... Read more
हर साल की तरह, इस बार भी 15 जून 2025 को उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम में बाबा नीम करोली महाराज के स्थापना दिवस के अवसर पर विशाल मेला आयोजित होने जा रहा है. यह मेला न केवल उत्तराखंड बल्कि... Read more
जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम
मेरे नगपति मेरे विशाल… रामधारी सिंह दिनकर की यह कविता सभी ने पढ़ी होगी. इसके शब्दों, भाव में भी बहे होंगे. और पाठ्य पुस्तक में पढ़ी इस कविता की सुंदर व्याख्या भी की होगी अपनी-अपनी उत्त... Read more
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120 बरस पहले के कुमाऊं-गढ़वाल के बारे में बहुत दिलचस्प विवरण पढ़ने को मिलते हैं. प्रस्तुत है इस किताब से... Read more
उत्तराखंड: योग की राजधानी
योग की भूमि उत्तराखंड, तपस्या से भरा राज्य जिसे सचमुच देवताओं की भूमि कहा जाता है, हिमालय की गोद में बसा है और न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि भारत में उन स्थानों मे... Read more
मुखबा गांव का आतिथ्य
पहाड़ों की सुबह मेरे लिए कभी भी बिछुड़ी हुई अंतिम सुबह नहीं रही,यह हर साल आबो-हवा बदलने के लिए पहाड़ जाने के एवज में वही चिर-परिचित सुबह ही है जिसको हमेशा मैं अपने ज़ेहन में करीने से रखती हू... Read more
गरतांग गली की रोमांचक यात्रा
पिता द्वारा सुनाये गये किस्से, कहानियां ताजीवन पिता से ही अपने होते हैं यह अपनापन मुझे गरतांग गली तक पहुंचते हुए साहसिक, रोमांचक पैदल यात्रा करते हुए महसूस हुआ. मेरी अचेतन स्मृतियों में गरत... Read more
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का इतिहास
1900 के दशक की शुरुआत में ई. आर. स्टीवंस और ई. ए. स्माइथिस के राष्ट्रीय उद्यान, भारत में स्थापित करने के सुझाव का नतीजा रहा कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एशिया के पहले राष्ट्रीय उद्यान के रूप म... Read more
बगोरी की राधा
उम्र का हर पड़ाव ज़िंदगी के ठहराव में स्मृतियों का अविस्मरणीय लोकगीत है. इसी गीत को गुनगुनाने हेतु हम तीनों सहेलियां वाया हेलीकॉप्टर देहरादून से हरसिल आधे घंटे में ही पहुंच गये हैं. यहां मेर... Read more
सितम्बर 2008 में शेखरदा (प्रोफेसर शेखर पाठक) ने प्रसिद्ध छायाकार एवं पर्वतारोही अनूप साह तथा संवेदनशील छायाकार प्रदीप पाण्डे के साथ उच्च हिमालय के एक दुर्गम मार्ग गंगोत्री-काल... Read more


























