इदरीस एल्बा हो सकते हैं पहले काले जेम्स बॉन्ड
हॉलीवुड की सबसे सफल सीरीज मानी जाने वाली जेम्स बॉन्ड फिल्मों की अगली कड़ी के रूप में बन रही फिल्म का नाम है ‘बॉन्ड 25’. इस फिल्म में भी डेनियल क्रेग ही जेम्स बॉन्ड का किरदार निभाने वाले हैं.... Read more
बीमारी से जूझ रहे अभिनेता इरफ़ान खान ने फेसबुक पर सूचित किया है कि उन्होंने अमेज़न प्राइम ओरिजिनल सीरीज ‘गोरमिंट’ से हटने का निर्णय लिया है. पहले यह सीरीज ‘मिनिस्ट्री’... Read more
कू क्लक्स क्लैन पर हॉलीवुड की नई फिल्म
अमेरिका में KKK या द क्लैन के नाम से जाना जाने वाला कू क्लक्स क्लैन डेढ़ सौ बरस पुराना एक कुख्यात अपराधी संगठन है जिसकी ज़द में घृणा फैलाने वाले अनेक समूह आते हैं जिनका घोषित उद्देश्य हिंसा और... Read more
ऐसे डरपोक सिनेमा संसार में जहां नायक का नाम तक ऐसा रखा जाता हो, जिस पर विवाद की गुंजाइश न हो, जिससे बहुसंख्यक वर्ग ही रिलेट करता हो, इतनी मुखर पॉलिटिकल फिल्म बनाना जो धर्म को जेरे बहस लाती... Read more
अपने नाम की तरह लश्टम पश्टम एक मुम्बइया पिक्चर
10 अगस्त को रिलीज हुई डायरेक्टर मानव भल्ला की फिल्म लश्टम पश्टम (Lashtam Pashtam) दुबई में रहने वाले दो मित्रों की दोस्ती पर आधारित है. लश्टम पश्टम फिल्म में एक भारतीय है और दूसरा पाकिस्तानी... Read more
24 अगस्त को रिलीज होगी ‘जीनियस’
एक इंजीनियरिंग का छात्र अपने देशप्रेम के चलते अंततः स्पेशल फोर्सेज ज्वाइन कर लेता है. ज़ाहिर है उसकी मंजिल के रास्ते में एक खलनायक भी होगा. इस थीम पर बनी फिल्म ‘जीनियस’ (Genius) 24 अगस्त को थ... Read more
भारतीय सिनेमा को बदलता एक मराठी निर्देशक
‘सैराट’ (मुक्त) क्षेत्रीय भाषा में रचा गया भारतीय सिनेमा का महाख्यान है. ‘सैराट’ बोन्साई होती जा रही मानवीय संवेदना की जड़ों को गमलों से उखाड़ कर गीली ज़मीन में रोपने... Read more
फ़िल्मों की बहार उर्फ़ जाने कहां गए वो दिन – 3
(पिछली किस्त से आगे) और नजीर हुसैन हमेशा न जाने कैसे कोई एक बेहद अमीर आदमी होता है. उसकी बीवी नहीं होती. संतान केनाम पर एक मात्र लड़की होती है – जवान और खूबसूरत. वह फिल्म के शुरू में ब... Read more
फ़िल्मों की बहार उर्फ़ जाने कहां गए वो दिन – 2
(पिछली क़िस्त से आगे) सिनेमा की टिकटों के लिए खिड़की खुलने से काफी पहले ही लम्बी क़तार लग जाया करती थी. टिकट क्लर्क सरकारी बाबुओं की तरह कुछ देर से आकर आसन ग्रहण करता और बड़े इत्मीनान से टिकट... Read more
फ़िल्मों की बहार उर्फ़ जाने कहां गए वो दिन – 1
जिस तरह पुराने हीरो अब हीरो नहीं रहे, एक दम ज़ीरो हो गए हैं या दादा-नाना बनकर खंखार रहे हैं, उसी तरह अपने शहर के दो सिनेमाघरों में भी एक वीरान पड़ा है तो दूसरा मॉल बन गया है. अपने को पुराने... Read more