अल्मोड़ा के पास ही एक गांव था जिसका नाम था अन्यारीकोट. अन्यारीकोट के लोग भूत-भिसौंड़े को नियंत्रित करने में माहिर माने जाते थे. अन्यारिकोट के लोगों के लोगों के विषय में तरह-तरह के किस्से कहे... Read more
केदारनाथ पर महत्त्वपूर्ण लेख
मन्दाकिनी नदी के स्त्रोत प्रदेश में भारतखण्ड शिखर के पदतल में 11753 फीट की ऊंचाई पर अत्यन्त भव्य दृश्यावली के मध्य में केदारनाथ का प्राचीन एवं विशाल मन्दिर है. इतनी ऊंचाई पर एवं इतनी सुन्दर... Read more
द्वाराहाट का चालाक बैल
द्वाराहाट कुमाऊं के सबसे पुराने नगरों में गिना जाता है. द्वाराहाट की भव्यता के चर्चे पूरे कुमाऊं-गढ़वाल में बरसों से रहे हैं. ऐसा नहीं की केवल द्वाराहाट नगर भव्यता और वहां के लोगों की चर्चा... Read more
लार से भस्म कर देने वाला राक्षस: कुमाऊनी लोककथा
पहाड़ से निकलने वाली नदी किनारे एक सुंदर सी बसावट हुआ करती थी. नदी वार और पार गांव वाले ही खेती करते और जहां से नदी निकलती उस पहाड़ के घने बियावन से लकड़ी ले आया करते. घुप्प अंधेरे वाले जंगल... Read more
लिखा हुआ पत्ता : कुमाऊनी लोककथा
एक था गरीब ब्राह्मण. उसकी एक पत्नी थी – ब्राह्मणी. ब्राह्मणी घूम-घूम कर भीख माँगा करती थी. इसी तरह वे दोनों गुजारा कर रहे थे.(Kumaoni Folklore by Ivan Minayev) एक बार ब्राह्मणी ने सुना कि को... Read more
सोरघाटी और गुमदेश में आज है ‘चैतोल’
चैतोल कुमाऊँ मंडल में चैत्र नवरात्र में मनाया जाने वाला त्यौहार है. मुख्यतः पिथौरागढ़ की सोर घाटी, चम्पावत के गुमदेश में चैतोल बड़ी धूम से मनाया जाने वाला त्यौहार है. चैत्र नवरात्र की अष्टमी... Read more
लोककथा ‘सूरज के रथ का दाहिना घोड़ा’
एक था राजा, एक थी रानी. उनके पास सिपाही, घोड़े, दास-दासियाँ, धन दौलत सबकुछ था, सिर्फ उन्हें संतान नहीं थी. इसी कारण राजा-रानी बहुत ही दुःखी रहते थे. संतान-प्राप्ति के लिए उन्होंने हर तरह का... Read more
‘बेड़ू पाको बारामासा’ लोकगीत पर एक विमर्श
लोक के क्षितिज से उपजा और अन्तर्राष्ट्रीय फलक तक अपनी धमक पहुंचाने वाला कुमाऊॅ के सुपर-डूपर लोकगीत ‘बेड़ू पाको बारामासा’ से भला कौन अपरिचित है. गीत का मुखड़ा किसने लिखा और कब से यह लोकजीवन क... Read more
उमस्यारी गांव की जैता नाम कि एक लड़की भेलस्यूं नाम के गांव में ब्याही गयी. जैता का पति बिलकुल खड़बुद्धि था. पति के अलावा जैता के परिवार में एक ननद, एक देवर और सास थी. जैता का पति उसकी एक न स... Read more
समुद्र तल से 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ‘मां भगवती कोकिला मंदिर’ की तस्वीरें
समुद्र तल से छः हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है कनार गांव. कनार गांव जिसे की छिपलाकेदार का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. कनार गाँव में ही मां भगवती कोकिला का विख्यात मंदिर है. कनार गांव की बरम... Read more