धारचूला की चौंदास घाटी – फोटो निबंध
धारचूला से 18 किलोमीटर दूर तवाघाट नामक स्थान है जहां कालीगंगा और धौलीगंगा नदियों का संगम होता है. यदि हम कालीगंगा नदी के साथ साथ ऊपर चढ़ते जाएं तो व्यांस घाटी पहुँचते हैं और धौलीगंगा के साथ... Read more
जॉन हेरॉल्ड एबट का बनवाया हुआ चर्च – डाक्टर डेथ यानि डाक्टर मॉरिस के खतरनाक प्रयोगों की दास्तान (Abbot Mount Haunted Remains of Raj) हिमालय की तराई से चलकर जब आप टनकपुर से शिवालिक पहाड... Read more
कहते हैं रिकार्ड बनते ही टूटने के लिए हैं. ऐसे ही रिकार्ड बनेंगे ओर टूटते रहेंगे. (10 Lakh Devotees Reached Kedarnath) इस वर्ष संपन्न हुई बाबा केदारनाथ यात्रा के इतिहास में एक नया अध्याय जुड... Read more
हल्द्वानी के 2 युवा 350 किलोमीटर की यात्रा कर साइकिल से पहुंचे बाबा भोलेनाथ के ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम. (Kedarnath Cycle Tour) हल्द्वानी के निवासी रजत पांडे और विकास दुर्गापाल अच्छे साइकिल... Read more
बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद
बाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली केदारनाथ से ऊखीमठ के लिए हुई रवाना. भगवान आशुतोष के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज के पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शी... Read more
मेरे दादा के समय तक के किस्से मैंने बचपन में खूब सुने. जितने भी किस्से सुने उनमें एक किस्सा होता कि पहले लोग नमक लाने के लिए यहाँ से टनकपुर तक की पैदल यात्राएँ करते थे. मामूली जरूरतों तक सीम... Read more
चम्पावत से ढकना गांव (चम्पावत-अल्मोड़ा पुराना पैदल मार्ग) तक तीन किमी. और ढकना से चम्पावत-मायावती पैदल मार्ग से लगभग चार किमी. की दूरी पर प्राचीन कुमाऊँ की स्थापत्यकला के एक अत्यंत उत्कृष्ट उ... Read more
दारमा घाटी पिथौरागढ़ जिले के पूर्वी छोर में बहने वाली धौली गंगा की घाटी को कहा जाता है. दुग्तू- दांतू में पंचाचूली से आने वाली धारा धौली में मिलती है. इस जलधारा का श्रोत पंचाचूली ग्लेशि... Read more
कुमाऊं की मोहब्बत में गिरफ्तार एक अंग्रेज जोड़ा
किसी ने गलत नहीं कहा है जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं. यह बात आजकल कुमाऊं की सड़कों पर आवारागर्दी करते हुए डेनिस और उनकी पत्नी विवियन पर सटीक बैठती है. ये दोनो... Read more
जब मुझे दोबारा ॐ के दर्शन हुए
अदभुत नाभीढांग धारचुला की ऊँची पहाड़ियों में बसा एक छोटा सा स्थान जो ॐ पर्वत की वजह से जाना जाना है. नाभीढांग समुन्द्र तल से लगभग 4000 मीटर की ऊंचाई पर बसा एक खूबसूरत स्थान है. कैलाश मानसरोव... Read more