लोहारखेत गाँव से कुछ तस्वीरें
कुमाऊं मण्डल के बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील का एक गाँव है लोहारखेत. ये गाँव पिंडारी, कफनी और सुन्दरढूँगा ग्लेशियरों के रास्ते का एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी है. खड़किया तक रोड बनने से पहले लोहारखे... Read more
धरती के युद्ध धरती पर ही लड़े जायेंगे
जिस जगह वो रहता था उस जगह के आगे कोई बस्ती नहीं थी. गाँव के छोर से आगे जाने की अघोषित मनाही थी. कई पीढीयों से. उसे पक्का विश्वास था की दुनिया के गोल होने बातें महज बकवास थी.और दुनिया का छोर... Read more
एक बार तो लगता है कि झपटकर कर लें, लेकिन फिर दिमाग चोक लेने लगता है. यहां तक आते-आते दिल की मोटरसाइकिल भी तीस से नीचे का एवरेज देने लगती है. गनीमत बस इतनी है कि रुक-रुककर ही सही, चलती तो है.... Read more
वे दिन, वे लोग और उन दिनों का वह पंतनगर!
कहो देबी, कथा कहो – 21 (पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 21 – निर्माण के दिन) वे दिन, वे लोग और उन दिनों का वह पंतनगर! किसी शांत कस्बे की तरह था वह, जहां अड़ोस-पड़ोस ही नहीं, पूरे कैम्पस क... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 58
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
मुक्तेश्वर से बर्फ़बारी की कुछ तस्वीरें
दिसंबर मध्य से हिमालय की निचली चोटियों पर बर्फबारी की शुरुआत हो जाती है. दो-एक दफा होने वाली इस बर्फ़बारी का लोग साल भर इन्तजार करते हैं और मौका बनते ही पहाड़ों की ओर दौड़ लगा देते हैं. कुमाऊं... Read more
सिकंदर: बच्चों के लिए एक बेहतरीन फिल्म
हमारे देश में बच्चों का सिनेमा बनाने और उसे प्रचारित–प्रसारित करने के लिए बकायदा एक संस्था है जिसका नाम है ‘चिल्ड्रन फ़िल्म सोसाइटी.’ यह सोसाइटी पिछले कई वर्षों से न सिर्फ बच्चों के लिए सिनेम... Read more
लाला अमरनाथ को आंकड़ों में नहीं बांधा जा सकता
भारत में क्रिकेट अपनी जड़ें जमा रहा था जब 1933 में बॉम्बे जिमखाना में बाइस साल के लाला अमरनाथ ने अपना पहला ही टेस्ट मैच खेलते हुए डगलस जार्डीन की अंग्रेज़ टीम के खिलाफ़ मात्र 180 गेंदों पर 118... Read more
उत्तर भारत के जिन तीन राज्यों में चुनाव हुए, वे साधारण राज्य नहीं हैं. इन राज्यों में बीजेपी पिछले तीन दशकों से सत्ता में आती जाती रही है. ये राज्य आरएसएस के सघन कामकाज के भी इलाके हैं. मध्य... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 12 (पिछली क़िस्त : उधमपुर में दो साल के छोटे भाई की मौत और पिता का थोड़ा पगला जाना) (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड होने की प्रत... Read more