कुटी गांव का इतिहास और उससे जुड़े रोचक किस्से
बच्ची अपने नेपाली गीतों में ही खोई हुई थी. तभी मेरे मित्र डी.एस.कुटियालजी आते दिखे. मैं उनकी ओर लपक लिया. वह तब बागेश्वर में वायरलेस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर थे. मैंने उन्हें बताया था क... Read more
गढ़वाल के मुख्य शिव मंदिर
अद्भुत भारत धर्मपूजा में ए. एल बाशम लिखते हैं कि – वैदिक देवता रूद्र से शैव संप्रदाय का विकास हुआ. इनके ईष्ट देव शिवजी जो विनाश के प्रतीक थे तो सरलता की प्रतिमूर्ति भी. तभी वह शम्भु य... Read more
कालीचौड़ गौलापार में स्थित काली माता का प्रख्यात मंदिर है. हल्द्वानी से 10 किमी और काठगोदाम से 4 किमी की दूरी पर स्थापित कालीचौड़ मंदिर के लिए काठगोदाम गौलापार मार्ग पर खेड़ा सुल्तानपुरी से... Read more
चौली की जाली मुक्तेश्वर: जहां शिवरात्रि में होती है संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण
शिवरात्रि के पर्व मे आस्था का अनोखा मंजर सामने आता है मुक्तेश्वर के चौली की जाली नामक पर्यटक स्थल पर, सैकड़ों की तादाद मे इस दिन शादीशुदा महिलाएं, जिन्हें तमाम कारणों के चलते संतान सुख प्राप... Read more
करोड़ों वर्षों पूर्व से जब मानव ने जब आग जलाना और उस पर काबू करना नही सीखा था, तब से ही वनों में आग प्राकृतिक रूप से लगती रही है. प्राकृतिक कारणों में शुष्क परिस्थितियों में घर्षण के कारण चि... Read more
तनावहीन चेहरे वाला एक लेखक : पंकज बिष्ट
पहली मुलाक़ात में ही मैंने महसूस किया था कि हम दोनों के बीच कई चीजें समान होते हुए भी वह मुझसे बड़े हैं. हमारा सरनेम एक था, जन्म वर्ष एक था, मेरी तरह वह भी कहानी लिखते थे; पारिवारिक पृष्ठभूम... Read more
युवाओं का मजाक उड़ाने के लिये निकलती हैं उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की विज्ञप्ति
1954 में एक फिल्म आई थी ‘नौकरी’. इस फिल्म में किशोर दा की आवाज में एक गाना है जिसके बोल कुछ यूं हैं : एक छोटी-सी नौकरी का तलबगार हूँ मैंतुमसे कुछ और जो मांगू तो गुनहगार हूँ मैंएक... Read more
राजा-महाराजा की शाही यात्रा को टक्कर देता उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का काफिला
राजा महाराज की कहानी हम लोगों ने खूब सुनी हैं. कहते हैं जब राजा आता था तो उसकी पालकी के आगे पीछे खूब सारे हाथी घोड़े निकलते थे. जिनका खर्चा जनता उठाती थी. Uttarakhand CM in Bageshwar अब राजतं... Read more
पहाड़ की लड़कियों का पहाड़ सा जीवन
आंगन की भीढ़ी में बैठे-बैठे हरूवा सुबह से पांच बीड़ी फूंक चुका था. बेटी की शादी में महज 10 दिन रह गए थे. पहाड़ियों का एक अलग ही लॉजिक होता है, टेंशन के समय में बीड़ी फूकने से काम करने की थोड... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 45 (Column by Gayatree arya 45) पिछली किस्त का लिंक: अपने मातृत्व और कृतित्व के बीच में पिसती हूं मैं हर बार तुम्हारा किसी न किसी कारण से रोना या च... Read more