मेरे घर का भी सवाल है : लीलाधर जगूड़ी की कविता
ईश्वर और आदमी की बातचीत -लीलाधर जगूड़ी जानते हो यह मूर्ति मेरी है और कुछ लोग इसे पूजने आ रहे हैं तुम्हें क्या चाहिए? क्या तुम्हारा भी व्रत है? नहीं नहीं, यह मूर्ति मेरी है और यह बिक चुकी है ख... Read more
सुना आपका ‘ता’ गायब हो गया था पिछले दिनों
नेतृत्व की ताकत -शरद जोशी नेता शब्द दो अक्षरों से बना है- ‘ने’ और ‘ता’. इनमें एक भी अक्षर कम हो तो कोई नेता नहीं बन सकता . मगर हमारे शहर के एक नेता के साथ एक अजीब ट्र... Read more
पिता का चश्मा -मंगलेश डबराल बुढ़ापे के समय पिता के चश्मे एक-एक कर बेकार होते गए आँख के कई डॉक्टरों को दिखाया विशेषज्ञों के पास गए अन्त में सबने कहा — आपकी आँखों का अब कोई इलाज नहीं है जहाँ च... Read more
श्रीमान ‘अ’ की विदा
श्रीमान ‘अ’ इन दिनों काफी मुश्किल में रहते हैं. उनकी कोई सुनता ही नहीं. सब उन्हें डांट देते हैं. श्रीमान ‘अ’ हर बार तय करते हैं कि न अब और पंगे नहीं लेंगे, कोई ऐसी बा... Read more
जब तक ऐक्सीडेण्ट न हो, हमें जागते रहना है
रेल यात्रा -शरद जोशी रेल विभाग के मंत्री कहते हैं कि भारतीय रेलें तेजी से प्रगति कर रही हैं. ठीक कहते हैं. रेलें हमेशा प्रगति करती हैं. वे बम्बई से प्रगति करती हुई दिल्ली तक चली जाती हैं औ... Read more
एक युवा कवि को पत्र – 2 – रेनर मारिया रिल्के
“एक युवा कवि को पत्र” महान जर्मन कवि रेनर मारिया रिल्के के लिखे दस ख़तों का संग्रह है. ये ख़त जर्मन सेना में भर्ती होने का विचार कर रहे फ़्रान्ज़ काप्पूस नामक एक युवा को सम्बोधित... Read more
प्राचीन संस्कृति को अंतिम बुके पारंपरिक भारतीय कलियों और फूलों की ख़ुशबुएँ पांडवों की तरह स्वर्गारोहण की सदिच्छा से हिमालय की ओर चली गई हैं. क्योंकि जिन फूलों का भारतीयकरण किया गया है उनमें... Read more
उम्मीद पर तो हर पार्टी कायम है
एक भूतपूर्व मंत्री से मुलाकात – शरद जोशी मंत्री थे तब उनके दरवाज़े कार बँधी रहती थी. आजकल क्वार्टर में रहते हैं और दरवाज़े भैंस बँधी रहती है. मैं जब उनके यहाँ पहुँचा वे अपने लड़के को दू... Read more
यह हिस्सा चिली के ख्यात और पूरी दुनिया के अपने कवि पाब्लो नेरुदा की पुस्तक ‘मेमोयर्स’ में है . अधिकांश लोग इससे परिचित हैं, फिर भी एक बार फिर पढ़ लेने लायक है . यह सभी जानते हैं कि पाब्लो भा... Read more
बच्चों के लिए चिठ्ठी -मंगलेश डबराल प्यारे बच्चो हम तुम्हारे काम नहीं आ सके. तुम चाहते थे हमारा क़ीमती समय तुम्हारे खेलों में व्यतीत हो. तुम चाहते थे हम तुम्हें अपने खेलों में शरीक करें. तुम... Read more