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5 Comments

  1. उमेश विश्वास

    बहुत दिलचस्प क़िस्सा है। फ़िक्शन में कंपनियों के दाँव-पेंच और साज़िश पाठकों को पकड़ कर रखता है, ये तो गोपाल सिंह के जीवट की सच्ची कहानी है। दुष्यंत का लेखन बड़ा कसा हुआ होता है। माउंड के स्थान पर शायद पाउंड पढ़ा जाना चाहिये।

  2. दुष्यन्त मैनाली

    अशेष धन्यवाद सर। मैं भी इसी दुविधा में था पर रिसर्च किया तो पाया वास्तव में यह मोंड या माउन्ड ही है। सभी ब्रिटिश उपनिवेशों में यही इकाई उपयोग की जाती थी जबकि खुद ब्रिटेन में पाउंड। तौल की इकाई में भी वे गुलामों को संभवतः हीन दिखाना चाहते हों??

  3. Gurvinder Chadha

    इतनी अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार । भविष्य में भी इसी प्रकार अच्छी जानकारी देते रहें ।दुष्यंत मैनाली जी के बारे में सत्य ही कहा है ।

  4. bimla

    very beautiful article .very interesting.

  5. MANOJ

    Very well explained informative article. Kudos to auther.

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