चमोली का चांदपुर गढ़
रानीखेत-कर्णप्रयाग मार्ग पर आदिबद्री से थोड़ी सी दूरी पर सड़क से 200 मीटर की ऊंचाई पर एक दुर्ग के अवशेष हैं. चमोली जिले के चांदपुर क्षेत्र में स्थित इस दुर्ग से लगा एक विष्णु का मंदिर है. दुर्... Read more
उत्तराखंड में पिछले कई दिन से शिक्षा व्यवस्था का विरोध किया जा रहा है. छोटे-छोटे गांव में शिक्षा व्यवस्था को लेकर विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं. सरकार ने इन विरोध प्रदर्शन को सिरे से खारिज... Read more
पहाड़ों में घोड़ा-खच्चर है एक रोजगार
उत्तराखंड में यहीं पर रहकर रोजगार ढूँढना कठिन काम है, कारण यहां पर मैदानी इलाकों की तरह खेती करना सहज नहीं है. सीढ़ीनुमा खेत सिंचाई के लिए सिर्फ वर्षा पर ही निर्भर रहते हैं, कुछ ही इलाकों पर... Read more
शिक्षकों की मांग को लेकर उत्तराखंड के सरकारी स्कूल में बच्चों ने लगाया ताला
उत्तराखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य का हाल किसी से छुपा नहीं है. हालिया ख़बर पौढ़ी जिले के राजकीय इंटर कालेज बैजरो की है. शिक्षकों की मांग के लिये इस स्कूल के छात्राओं ने स्कूल में अनिश्चितकाल त... Read more
लम्बी धोती और छोटी धोती के नखरे
जैसा की देश भर में होता है कुमाऊं में भी ब्राह्मणों के अंदर जातीय वरिष्ठता होती है. जिसे मोटे तौर पर ठुल्ल धोत्ती और नान् धोत्ती दो भागों में बांटा जा सकता है. जिसका अर्थ लम्बी धोती और छोटी... Read more
केंद्र सरकार ने पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा की है. उत्तराखण्ड के अनिल जोशी और कल्याण सिंह रावत को पद्मश्री पुरस्कार दिया जायेगा. उत्तराखंड में मैती आंदोलन पर्यवारण... Read more
कम लोग ही जानते हैं कि मडुवा मूल रूप से इथोपिया और युगांडा देश का एक मोटा अनाज है जिसे आज विश्व में भारत समेत केन्या, जायरे, जाम्बिया, जिम्बाब्वे, तंजानिया, सूडान, नाइजीरिया, मोजम्बीक, नेपा... Read more
मिरतोला आश्रम (पनुआनौला) में ऑस्ट्रेलिया से आ बसे अर्थशास्त्र के मनीषि, योजना आयोग के सदस्य, कृष्ण भक्त स्वामी माधवाशीष ने 90 के दशक में डॉक्टर जैक्सन के साथ धारक क्षमता (कैरीइंग कैपिसिटी) क... Read more
बागेश्वर जिले में शहर से डोबा-धारी-गिरेछिना से सोमेश्वर को एक पतली सी सड़क बनने से अब ज्यादातर लोग इसी मार्ग से आ-जा रहे हैं हालांकि बरसातों में सड़क बंद होने के अंदेशे से इस मार्ग में आने-ज... Read more
कुछ समय पहले हमने एक ख़बर दी थी कि पौड़ी जिले के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर पहली से पांचवीं क्लास तक के बच्चों के लिये विशेषज्ञों द्वारा गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. पौड़ी... Read more
Popular Posts
- 30 मई 1930 : उत्तराखण्ड के इतिहास का रक्तरंजित अध्याय
- मुल्क कुमाऊँ को ढुंगो ढुंगो होलो
- सबकी नजरें उत्तराखंड के आकाश मधवाल पर
- भारत के अलावा और कहाँ मिलता है ‘काफल’
- नैनीताल की पहली यात्रा में एक स्थानीय के सिर पर पत्थर रख गये अंग्रेज
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : लम्बी सी डगर न खले
- उत्तराखंड में वनाग्नि की समस्या पर एक जमीनी रपट
- बकरी और भेड़िये
- 1 मई और रुद्रप्रयाग का बाघ
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगी धूप तुम घना साया
- खोज्यालि-खोज्यालि, मेरी तीलु बाखरी
- गुप्तकाल में कुमाऊं
- चाय की खेती की असीम संभावनायें हैं उत्तराखंड में
- पलायन : किसी के लिए वरदान, किसी के लिए श्राप
- कुमाऊनी लोक कथा : खाचड़ी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : धूप सुनहरी-कहीं घनेरे साये
- इस तरह द्वाराहाट में द्वारिका नगरी न बन सकी
- क्या 1940 में शुरू हुआ थल मेला
- सूखे आटे का स्वाद
- पहाड़ की ठण्ड में चाय की चुस्की
- कुमाऊनी जागर शैली में शिव सती विवाह की कहानी
- मेघ व हिमालय चित्रावली
- क्वी त् बात होलि
- आलू, चने और रायते का यह अनुपम जादू
- कुमाऊँ में वस्त्र उद्योग का इतिहास