जिसने मेरे लाल को नजर लगायी उसकी आँखें जल कर छार हो जाईं. रसोई में जलती बांज कुकाट की लकड़ियों के दहकते क्वेलों को पण्यू से टीप बड़े तवे में डाल आमा गुस्से में फनफनाई. बदजात काणी च्याव! म्या... Read more
राम दत्त जोशी का जन्म नैनीताल जिले के भीमताल इलाके के शिलौटी गांव में कुमाऊं के राजा के ज्योतिर्विद पं० हरिदत्त जोशी के घर में 1884 में हुआ था. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई. कुछ समय ह... Read more
विकास के साये में हमारी लोक थाती
विकास के साथ उपज रहे विनाश के खतरों से आगाह करते हुए यह चेतावनी बार बार दी जाती रही है कि स्थानीय संस्कृति लगातार अवमूल्यित हो रही, बरबाद हो चुकी है. इन्हें बनाये बचाये रखने के प्रयास... Read more
जटिया मसाण और गोलू देवता की कथा
उत्तराखण्ड के सर्वाधिक पूज्य देवता गोलू के साथ जटिया मर्दन की गाथा भी जुड़ी हुई है. जनश्रुति के अनुसार उस समय चम्पावत गढ़ी में अत्यंत न्यायप्रिय राजा नागनाथ का शासन हुआ करता था. वृद्ध हो जान... Read more
इष्टदेव से न्याय पाने की गुहार है घात डालना
यूँ तो घात लगाने का सामान्य अर्थ होता है, शिकायत, चुगली अथवा किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ कही गयी बात को पीछे से उस तक पहुंचाना. किन्तु एक वाक्यांश के रूप में क्रियांश ‘डालना’ से इसका अर्थ बदल... Read more
दाल-भात का उत्तराखंड ग्रामीण संस्कृति में पहला स्थान है. नामकरण, जनेव, शादी, बरसी सभी में दाल-भात मुख्य भोजन होता था. बात उस समय की है जब न कार्ड था न चिठ्ठी. कार्ड से निमंत्रण देने की परम्प... Read more
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