Home Tribute to Manglesh Dabral
एक मरा हुआ मनुष्य इस समय जीवित मनुष्य की तुलना में ज़्यादा कह रहा है: मंगलेश डबराल की याद में
Posted By: Kafal Treeon:
मैं जब भी यथार्थ का पीछा करता हूं देखता हूं वह भी मेरा पीछा कर रहा है मुझसे तेज़ भाग रहा है. उस रोज़ कौन जानता था कि वो नये सफ़र पर निकलने वाले थे. ये न घर का रास्ता था न कोई आवाज़ थी न कोई... Read more
अलविदा मंगलेश दा
Posted By: Kafal Treeon:
जिनकी स्मृति में बिजली के लट्टुओं से जगमग पहाड़ की ही छवि है वो पहाड़ में लालटेन के बिम्ब का निहितार्थ कभी समझ ही नहीं सकते. पहाड़ में लालटेन औद्योगिकीकरण का प्रथम संदेशा लेकर आयी थी. पर पहा... Read more
Popular Posts
- जब उत्तराखंड के जंगलों में भटके दयानन्द सरस्वती
- पहाड़ के गांवों में नाचने वाली ‘रफल्ला’ के जीवन की कहानी
- कठिन पद यात्रायें प्रकृति के करीब ले जाती हैं
- देहरादून में रहने वाले बारह साल के बच्चे की दूसरी किताब
- मेरी हरिद्वार यात्रा: भारतेंदु हरीशचंद्र का यात्रा-वृत्तांत
- तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ ले जाने वाला एक हेलीकॉप्टर जिसे सफेद चीटियां चट कर गयी
- दिल्ली से गांव लौटने की एक पुरानी याद
- हिमालय में जलविद्युत परियोजना के नाम पर नदियों-पहाड़ों का विनाश
- शिवलिंग का पूजन उत्तराखंड के इस धाम से शुरू हुआ था
- रहस्यमयी रूपकुंड से जुड़ी कहानियां
- ईश्वर के अस्तित्व पर महात्मा गांधी का अनमोल भाषण
- चटोराबाद में मोहिनी से भेंट
- थल में नदी किनारे छक्के लगाने वाली श्वेता वर्मा का बल्ला अब भारत के लिये बोलेगा
- किसानी के बूते पद्म श्री प्राप्त करने वाला एक पहाड़ी: प्रेम चंद शर्मा
- पहाड़ में राजस्व के साथ पुलिस भी संभाले पटवारी
- शेरदा अनपढ़ और नरेन्द्र सिंह नेगी की जनप्रतिनिधियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी
- बगुवावासा: रूपकुंड यात्रा का एक पड़ाव जहां से आगे पानी बहना भूल जाता है
- दो सौ वर्षों के इतिहास को समेटे एक पुस्तक ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’
- यारसा गुम्बा : उत्तराखंड के बुग्यालों में मिलने वाली सोने से ज्यादा कीमती जड़ी
- भिटौली से जुड़े कुमाऊनी लोकगीत
- यह कविता तुम्हें हारने नहीं देगी
- दानै बाछरै कि दंतपाटी नि गणेंदन्: मातृभाषा दिवस विशेष
- आई भगवान ज्यूनै छन: मातृभाषा दिवस विशेष
- पुन्यों सी उजली देबुली और नरिया के जीवन की एक झलक
- आज है कैप्टन धूम सिंह चौहान की 135वीं जयंती