अलौकिक है मुनस्यारी का थामरी कुण्ड
उत्तराखंड के मुनस्यारी नगर से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है थामरी कुण्ड. समुद्र की स्तर से करीब 7500 फीट कीम ऊंचाई पर स्थित इस सुन्दर स्थान पर जाने लिए मुनस्यारी से बिरथी जाने वाली सड... Read more
बुग्यालों से होते हुए मुनस्यारी तक का ट्रेक और पांगती मास्साब का म्यूजियम
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 2 पिछली कड़ी : बागेश्वर के गोगिना से नामिक गांव की यात्रा के बहाने पहाड़ का जन-जीवन सुबह नाश्ते में योगेश की फरमाइश पर पराठों का भोग लगाकर हम अपने अगले... Read more
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 1 बागेश्वर से हिमालय के साथ ही हरे-भरे बुग्यालों को जाने वाले कई रास्ते झरनों की तरह फूटते हैं. मंजिल तक पहुंचने तक ये रास्ते खूब थकाते तो हैं, लेकिन... Read more
ब्रह्मताल झील की यात्रा भाग-2
(पिछली कड़ी से आगे) कैम्प साइट पर पहुँचते ही गजब की ठंडी होने लगी और ये क्या थोड़ी ही देर में हल्के बर्फ के फाये भी गिरने लगे. मैंने पहली बार बर्फ के फाहों को तारे के आकार का गिरते हुए... Read more
ब्रह्मताल झील की यात्रा भाग-1
विनीता यशस्वी विनीता यशस्वी नैनीताल में रहती हैं. यात्रा और फोटोग्राफी की शौकीन विनीता यशस्वी पिछले एक दशक से नैनीताल समाचार से जुड़ी हैं. बाहर अभी भी अंधेरा ही है और सर्दी भी बहुत ज्यादा.... Read more
Popular Posts
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध
- बातें करके लोगों का दिल कैसे जीतें
- जंगल बचने की आस : सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश
- सोशियल मीडिया में ट्रेंड हो रहा है #SaveJageshwar
- चाय की टपरी
- माँ जगदंबा सिद्ध पीठ डोलीडाना
- इस्मत चुग़ताई की कहानी : तो मर जाओ
- कहानी: रेल की रात
- भाबर नि जौंला…
- जनजाति विकास : मध्यवर्ती तकनीक, बेहतर भी कारगर भी
- कुमाऊनी कविता की यात्रा के पड़ावों पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म ‘अंगवाल’
- राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का ‘भारत रंग महोत्सव’ रामनगर में आज से
- कल्पना करने की शक्ति से सपनों को सच करो