कौसानी से देवगुरु का दिलचस्प सफ़र
सुबह- सुबह जब हम कौसानी से निकले तो कोई अनुमान न था कि आज का दिन कितना लम्बा होगा. कल रात हमने सहृदय मित्रों की बदौलत आलीशान मखमली ग्रेवी वाली अंडाकरी जीवन में पहली बार पेट में उतारी और बादल... Read more
आखिरी गाँव में जबरदस्त जीवट की अकेली अम्मा
धरती गोल है और गोले में कोई बिंदु आखिरी नहीं होता. अक्सर आखिरी पहला हो जाता है. हिमालय की घाटियों में बहुत से गाँव आखिरी गाँव कहे जा सकते हैं. सबसे मशहूर आखिरी गाँव माणा है. लेकिन जैसा कि मै... Read more
दारमा घाटी के गो गाँव में खलनायक
आठ दिन हो गए बारिश को. बीच में आधे दिन के लिए रुकी थी पर तीन दिन से तो एक मिनट के लिए भी आसमान ने आराम नहीं किया. सुबह तिदांग से मारछा को निकल तो गए लेकिन लसर यांगती पर बने पुल को देखकर हवा... Read more
सफ़रनामा: अतीत के रास्ते
उस साल फ़रवरी के महीने में चकराता से लोखण्डी तक गाड़ी में, और वहाँ से गाँव तक पैदल सफ़र काफ़ी रोमाँचकारी रहा. एक पिक-अप गाड़ी वाला, जो चकराता से लोखण्डी जा रहा था, बड़ी मान-मनौव्वल के बाद पीछे ख़ुल... Read more
जोहार घाटी का सफ़र – 1
जोहर घाटी में मिलम गांव भूले नहीं भूलता है. दो बार हो आया जोहार की इन घाटियों में. फिर भी न जाने ये क्यों खींचती सी हैं अभी भी. पहली बार 1998 में गया था तो मुनस्यारी से आगे जाते—जाते ये घाटि... Read more
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