Home Sundar Chand Thakur Memoir 56
पहाड़ और मेरा जीवन – 57 (पिछली क़िस्त: बारहवीं में दसवीं के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा यूं कमाए मैंने पैसे) मुझे जैसी याद दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं की है, वैसी बारहवीं की परीक्षाओं की नहीं है. बोर... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन- 56 मैं विद्यार्थी जीवन के दौरान और बाद में भी कई बार पैसों को लेकर थोड़ी तंगी में जरूर रहा, पर मैंने कभी पैसों की बहुत ज्यादा परवाह की हो, मुझे याद नहीं. उस लिहाज से देख... Read more
Popular Posts
- बिश्नु : पहाड़ की कहानी
- उत्तराखंड की सड़कों पर बॉबी कटारिया की दादागिरी
- अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को दिलाया गोल्ड मेडल
- ऐसे होती है पारम्परिक कुमाऊनी शादी
- सावन के आखिरी सोमवार पर जागेश्वर धाम की तस्वीरें
- ‘कल्पेश्वर महादेव’ जहां भगवान शिव के जटा रूप की पूजा होती है
- संगज्यु और मित्ज्यु : कुमाऊं में दोस्ती की अनूठी परम्परा
- कॉमनवेल्थ गेम्स में छाई उत्तराखंड की स्नेह राणा
- आदमखोर बाघ और यात्री : पहाड़ी लोककथा
- तीसमारखां : नवीन सागर की कहानी
- पहाड़ की मत्स्य नीति
- आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है
- नेटफ्लिक्स में उत्तराखंड के पारम्परिक गहने
- विद्यासागर नौटियाल की कहानी ‘जंगलात के सरोले’
- जब टार्च जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा थी
- निर्मल वर्मा की कहानी ‘परिंदे’
- हरसिल की यात्रा
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: सारा जमाना ले के साथ चले
- नैनीताल में पहला डोसा और छुरी-काँटा
- परमात्मा का कुत्ता: सरकारी दफ्तरों का सच कहती कहानी
- रोपाई से जुड़ी परम्पराओं पर एक महत्वपूर्ण लेख
- सामाजिक सरोकारों से सरोकार रखने वाले डॉ. दीवान नगरकोटी नहीं रहे
- चालाक सियार: पहाड़ी लोककथा
- स्व. बी डी पाण्डे की आत्मकथा ‘इन द सर्विस ऑफ़ फ्री इंडिया’
- अल्मोड़े के बच्चों से जुड़ी इस ख़बर पर आपको भी नाज़ होगा