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न किताब छन- न किताबें हैंन मासाब छन- न मास्टर साहब हैंकी छ पें?- क्या है फिर?कि चैं पें?- क्या चाहिये फिर?किताब और मासाब- किताब और मास्टर साहब यह पोस्टर बनाया है पिथौरागढ़ के लक्ष्मण सिंह मह... Read more
दोबारा आंदोलन के लिए मजबूर हो रहे बीएचयू के छात्र
Posted By: Kafal Treeon:
जिसे तुम लोकतंत्र कहते हो, इसमें न लोक है न तंत्र है यह आदमी का आदमी के खिलाफ खुला षड़यंत्र है आज धूमिल की ये पंक्तियां पूर्णतया सही सिद्ध हो रही हैं. देशभर के विश्वविद्यालयों पर हमले बढ़ते... Read more
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