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भविष्य: एक पहाड़ी लोहार की कहानी
Posted By: Kafal Treeon:
रतखाल की दुकानों से लौटे हरकराम गुमसुम से बैठे हैं. वहाँ से आते वक्त ही पैर टूटने लगे थे. दो मील का सफर ही अंतहीन हो गया था, जबकि सारा रास्ता ढलान का था. चढ़ाई होती तो घर पहुँचना मुश्किल ही... Read more
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