द्वितीय केदार मदमहेश्वर का रोचक यात्रा वृतांत
एक पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद पाण्डव अपने कुल का नाश करने के पाप से मुक्ति हेतु भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने गये, लेकिन शिव उन्हें दर्शन नहीं देना चाहते थे. वे पाण्डवों... Read more
कल्पकेदार: सत्रहवीं शताब्दी का पौराणिक शिव मंदिर
साल 1945 में धराली के ग्रामीणों को गंगा नदी के किनारे मंदिर का शीर्ष भाग नजर आया. कौतुहल के साथ ग्रामीणों ने खुदाई शुरू की. लगभग 14 फीट की खुदाई के बाद कल्प केदार मंदिर समूह का एक समूचा शिव... Read more
ऊखीमठ गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले का एक छोटा सा क़स्बा है. ऊखीमठ मन्दाकिनी नदी के तट पर बसा है. यह रुद्रप्रयाग चौपटा मार्ग पर रुद्रप्रयाग से 40 किमी की दूरी पर बसा है. ऊखीमठ में पौराणिक का... Read more
शिव अनेक हैं. उत्तराखंड में शिव को अनेक रूपों में पूजा जाता है. उत्तराखंड में शैव और वैष्णव दोनों संप्रदाय पाये जाते हैं. उत्तराखंड में शिव के छोटे-बड़े हजारों मंदिर हैं. इन मंदिरों में महाशि... Read more
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