तीदांग के चार राठ, चार सौ मवासों की कहानी
ह्या छूङ की कृपा से तीदांग की दल-दल भूमि सूख कर हरे-भरे घास के मैदान में परिवर्तित हो चुकी थीं. एक समय ऐसा आया कि ग्राम सीपू दाङा खर्सा से एक बैल व नागलिंङ, बालिङ से एक बैल चरते-चरते तीदांग... Read more
रं समाज में विवाह पद्धतियां
रं समाज में मुख्यतः एकल विवाह ही होता है, परन्तु कभी-कभी बच्चे नहीं होने की दशा में या पत्नी की मृत्यु हो जाने पर दूसरी शादी भी कर लेते हैं. रं समाज से अभी भी अन्तर्विवाह को ही ज्यादा महत्ता... Read more
ग्राम तिदांग के ह्या छूङ सै की कहानी
ग्राम तिदांग के ह्या रंचिम का युग व सिम कच्यरो पैं के युग की समाप्ति के बाद ह्या छूङ सै का जमाना आता है जो इस प्रकार है. ह्या छूङ सै अपने निवास स्थान किदांग तकलाकोट तिब्बत से आसपास के रास्ते... Read more
ग्राम तिदांग के सिम कच्यरों पैं की कहानी
तिदांग रंचिम के युग की समाप्ति के बाद तिदांग में सिम कच्यरो पैं (तीन कच्यरो भाई) का युग शुरू होता है. ये सिम कच्यरो पैं तिदांग के निवासी थे. तीनों भाई बलवान के साथ आसापास में उड़ान भी भर सकते... Read more
नेपाल के रं गांव छांगरू की यात्रा
व्यांस घाटी में जाने और उसके सुंदर दृश्यों को कैमरे की नजर से देखने की इच्छा तो बहुत पहले से थी पर यह संभव हो पाया रं समुदाय की सालाना एजीएम के कारण जो 2016 में नेपाल के एक सुदूरवर्ती गांव छ... Read more
रं सभ्यता के गाँव – रवि पतियाल के फोटो
फिलहाल भीमताल में रह रहे रवि पतियाल डायरेक्टरेट ऑफ़ कोल्ड वाटर फिशरीज़ में वैज्ञानिक हैं. धारचूला की चौंदास घाटी के पांगू गाँव के मूल निवासी रवि अपने क्षेत्र की जनता के विकास के लिए कार... Read more
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