आइबिस्बिल पक्षी का रामनगर प्रवास
सर्दियाँ शुरू होते ही कॉर्बेट पार्क, रामनगर व इसके आसपास प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है. उच्च हिमालयी क्षेत्रों के अलावा तिब्बत से भी कई पक्षी रामनगर के आसपास जुटना शुरू हो जाते हैं... Read more
इन दिनों कॉर्बेट पार्क में ली गयी एक तस्वीर देश भर में चर्चित है. तस्वीर में एक बाघिन कॉर्बेट पार्क में रामगंगा नदी के किनारे-किनारे ग्रासलैंड के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ जा रही है. अपने र... Read more
नैनीताल जिले के रामनगर कसबे के खताड़ी मोहल्ले में पुराने हाथीखाने के समीप एक उल्लेखनीय सूफी स्थल है. इसका नाम है आस्ताना-ए-मासूमी. (Astana Masumi Ramnagar Religious Harmony) दरगाह के मुख्य दर... Read more
कुमाऊं की मोहब्बत में गिरफ्तार एक अंग्रेज जोड़ा
किसी ने गलत नहीं कहा है जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं. यह बात आजकल कुमाऊं की सड़कों पर आवारागर्दी करते हुए डेनिस और उनकी पत्नी विवियन पर सटीक बैठती है. ये दोनो... Read more
खुद में ही पूरा बैंड हैं उत्तराखण्ड के दीप रजवार
रामनगर में रहने वाले युवा दीप रजवार एक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के तौर पर अच्छा नाम रखते हैं. कॉर्बेट पार्क से जुड़ी उनकी तस्वीरें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं. फोटोग्राफर... Read more
तराई-भाबर की लीची न खाई तो क्या खाया
लीची आ गई हैं. बाग-बगीचों में, वहां से तोड़कर बाजारों में और मेरे घर पर भी. लीची मेरा प्रिय फल रहा है. इतना प्रिय कि पहले एक बैठकी में पांच किलो तक उदरस्थ कर लेता था और अब भी कम से कम दो किल... Read more
टीचर्स डे विशेष : लपूझन्ने की साइंस क्लास
अंग्रेज़ी की कक्षाएं बन्द हो गई थीं और उस पीरियड में सीनियर बच्चों को पढ़ाने वाले एक बहुत बूढ़े मास्साब अरेन्जमेन्ट के बतौर तशरीफ़ लाया करने लगे. वे बहु्त शरीफ़ और मीठे थे. वे एक प्रागैतिहासिक चश... Read more
Popular Posts
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध