लकड़ी की पाटी, निंगाल की कलम और कमेट की स्याही : पहाड़ियों के बचपन की सुनहरी याद
करीब एक फीट चौड़ी तो डेढ़ फीट लम्बी और आधा इंच मोटाई की तख्ती. इसकी लकड़ी होती रीठा, पांगर, तुन, अखरोट, खड़िक, बितोड़, चीड़ या द्यार-देवदार की, जिनके सूखे गिंडों को आरे से काट बसूले से छील र... Read more
पहाड़ियों के गोठ में रहने वाले जानवरों को होने वाले रोग और सयानों के बताये ईलाज
पहाड़ में हर घर गोठ में जानवर हो और उनकी देखभाल में कोई कोर कसर रह जाए तो घर की बूड़ि बाडियों को फड़फड़ेट हो जाती है. ब्वारियों की शामत आ जाने वाली हुई और पशुओं की सार संभार में चेलियों की स... Read more
पहाड़ में जंगल-जंगल मिलते कंद मूल फल
जी हाँ, पहाड़ के जंगल में ही उगता है काफल. जिसका रसासस्वादन अपने किया और पसंद तो किया ही. फिर हिसालू, किल्मोड़ा, कैरू, चिगोड़ा, गेठी, गिवें की पहचान भी आपको होगी जो पहाड़ में होने वाले कंदमू... Read more
आषाढ़ का एक दिन : सोर घाटी से हिमालय
बड़े शहरों के मुकाबले धीरे चलने वाला यह जिला अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण देश के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में गिना जाता है. नेपाल और चीन से लगी इसकी सीमा सामरिक दृष्टिकोण से इसे भारत का सबसे महत्... Read more
पहाड़ की घास जो पशुओं के प्यारी है
उत्तराखंड में करीब पचहत्तर फीसदी भू भाग प्राकृतिक चरागाहों, बुग्याल या अल्पाइन मीडोज, वनों, गोचर, बंजर और खेती पाती के लिए अनुपयोगी या परती जमीन के रूप में है.वनों के साथ सटे छोटे बड़े चार... Read more
आज गंगा दशहरा है
ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी स्कंदपुराण में गंगावतरण की तिथि कही गयी जिसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. ऋग्वेद के नदी सूक्त में गंगा के अनुपम स्वरुप का वर्णन है. तदन्तर महाभारत के अनुशास... Read more
कालापानी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण रिकार्ड्स जो बताते हैं कि जमीन का यह हिस्सा किसका है
नेपाल ने अपने नये राजनीतिक नक़्शे में 19 मई 2020 को भारत के लिम्पियाधूरा, लिपुलेख व कालापानी इलाके तथा गुंजी, नाभी और कुटी जैसे ग्राम भी शामिल कर दिखाए हैं. इससे पहले 1975 में नेपाल की राजशा... Read more
जेठ महीने के पहाड़ी त्यार और उपवास
वैशाख बीतते रवि की फसल कट जाती. अनाज की सफाई सुखाई के बाद नया अनाज स्थानीय लोक देवताओं के थानों में भेंट कर दिया जाता. रोट भेट भी चढ़ती. गेहूं के बाद भुट्टों-जुनलों के लिए खेत तैयार करने की... Read more
ओ पृथ्वी! तुम्हारे पहाड़, हिमाच्छादित पर्वत, अरण्य प्रसन्न रखें. इसकी ऊंचाई, भव्यता और रहस्यात्मक सौंदर्य से उच्च विचार आयें, कल्पनाएं बलवतीं हों, सृजन की अनुभूतियों का संचार हो. यह धरती, यह... Read more
लौट आये प्रवासियों के लिये कितनी कारगार है उत्तराखंड सरकार की ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’
सत्तर के दशक में एक किताब भारत जैसे देश के आर्थिक विकास के लिए चमत्कारी बूटी साबित होने जा रही थी. विशेष कर पहाड़ की अर्थव्यवस्था के लिए जहां पर्याप्त संसाधनों के साथ परंपरागत हुनर और मेहनत... Read more
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