पीहू की कहानियाँ – 6
फ़िल्म की असली डायरेक्टर “पीहू” ही है पिछले कई दिनों से मैं इंटरव्यू दे रहा हूँ.एक सवाल सबसे ज़्यादा पूछा जा रहा है कि आपने एक दो साल की बच्ची को डायरेक्ट कैसे किया ? आज एकदम सही सही बताऊँ ?... Read more
पीहू की कहानियाँ – 5
मैडम अभी सो रही हैं मैडम को पॉटी आ गई है मैडम सुसु करने गई है मैडम का अभी मूड नहीं है मैडम को अभी डॉल से खेलना है मैडम ग़ुस्सा है मैडम रो रही है 33 दिन के शूट के दौरान योगेश जानी को इंतज़ार... Read more
पीहू की कहानियाँ – 4
ऐसा भी लगा था कि ये फ़िल्म शायद शूट नहीं कर पाएँगे पीहू की शूटिंग के लिए हमें बहुत कुछ नॉन फ़िल्मी करना था. हम सब जानते थे कि ये कोई रोज़ शूट होने वाली फ़िल्म नहीं है. ये एक अलग फ़िल्म है. ए... Read more
पीहू की कहानियाँ – 3
जब पीहू ने मेरी ग़लती को ठीक किया पीहू के माता पिता रोहित विश्वकर्मा और प्रेरणा शर्मा की सहमति मिलने के बाद मैंने तय किया कि अब मुझे पीहू से रोज़ मिलना चाहिए. पीहू से दोस्ती बनाने के लिए भी... Read more
पीहू की कहानियाँ – 2
जब लगा कि अब पीहू नहीं बन सकती … कहानी और पीहू दोनों मिल चुकी थी. प्रोड्यूसर मिलना बाक़ी था. एक और बेहद मुश्किल काम. मुंबई में अलग अलग स्टूडियोज़ और प्रोड्यूसर से मिलना – बात करन... Read more
Popular Posts
- 1960 में कड़ाके की सर्दी के बीच बद्रीनाथ धाम में पाँच दिन
- खूबसूरत वादियों, मोहिले जन और विचित्र कथाओं का वृतांत
- लोक देवता के लिए रास्ता मांगने सड़कों पर उतरे सोर घाटी के ग्रामीण
- गोल्ड मैडल जीतने वाली मानसी नेगी का दर्द
- पानी की मांग कर रहे लोगों पर मुकदमा कमजोर समाज की नियति
- फूलदेई के बहाने डांड्यौं कांठ्यूं का मुलुक…
- राजी जनजीवन की झलक दिखाता एक बेहतरीन उपन्यास
- ‘रमोलिया हाउस’ हमारी नई शुरुआत
- फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार
- कहानी : कैकेयी कंडक्टर और ‘बस-हो-चली-बुढ़िया’
- जार्ज VI के काल का सिक्का पहाड़ में कहलाया छेदु डबल
- कुमाऊँ की ‘हिमानी’ के ऐपण आर्ट की दिल्ली में ‘प्रस्तुति’
- कीड़ाजड़ी – पिण्डर घाटी के जीवन का जादुई आईना
- अंकिता हत्याकांड पर तथ्य अन्वेषण रपट
- जब बंदर और लंगूर के शरीर से बना हुड़का गमकता है
- पर्यटकों के बीच खूब लोकप्रिय हो रहा है मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट
- कुमाऊनी परिवारों में भांजे-भांजियों को मिलता है विशेष सम्मान
- समधी-समधिन की प्रतिकृति बनाने की अनूठी परम्परा
- इन 3 प्राणायामों से रखिए अपने दिमाग को सुपर हेल्दी
- पहाड़ों में लोसर से नव वर्ष
- सिनेमा का शौक और शब्दभेदी वरदान
- कविता : नाक के पहाड़ से
- नन्ही लाल चुन्नी की कहानी
- घुघुति-बासूती
- अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल