फूल बन कर खिलने वाली पर्वतपुत्री है फ्यूंली
Posted By: Kafal Treeon:
गढ़वाल में चैत के महीने में गाए जाने वाले लोकगीत चैती कहलाते हैं. अधिकतर लोकगीतों का वर्ण्य विषय लोकगाथाएँ होती हैं. इन लोकगाथाओं में दो तत्व अनिवार्य रूप से होते हैं, पहला ससुराल में कष्टपू... Read more
राजपुष्प ब्रह्मकमल और लोकपुष्प फ्यूंली
Posted By: Girish Lohanion:
जिस ऊॅचाई पर मानव के सिर दिखाई देने बन्द हो जाते है, वहां ब्रह्मकमल उगने शुरू होते हैं. जिन कक्षों (मंदिरों के गर्भ गृह) के द्वार मनुष्य के लिए बन्द रहते हैं, वहां ब्रह्मकमल शोभायमान होते है... Read more
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