कैसे बनती हैं बरेली की मशहूर सेवइयां
बरेली के मठ लक्ष्मीपुर में इरफ़ान अली पिछले १५ सालों से अपने दो भाइयों नाज़िम और नौशाद के साथ मुक़द्दस माह-ए-रमज़ान और सावन में रोजादारों और भक्तों के लिए सेवइयां बनाते हैं. वे मैदे से इन से... Read more
रं महोत्सव 2018 – फोटो निबन्ध
इस बार धारचूला में रं महोत्सव (एजीएम) 2018 का आयोजन किया गया है, जिसमें दारमा, व्यांस, चौदांस के 37 गांवों के लोगों के साथ ही देश-विदेश में सेवाएं दे रहे रं समाज के लोग शिरकत कर रहे हैंं. इस... Read more
अमित साह के कैमरे से नैनीताल
ठंड के मौसम में नैनीताल और भी सुहावना हो जाता है. युवा फोटोग्राफर अमित साह ने नैनीताल की सुबह और शाम की कुछ हालिया तस्वीरें भेजी हैं. नैनीताल के रहने वाले अमित साह की खिचीं तस्वीरों की दो क़ि... Read more
[11 मार्च 2013 को नैनीताल शहर में रहने वाले ख्यात फोटोग्राफर बलवीर सिंह का देहांत हो गया था. उससे कुछ समय पहले हमारी साथी विनीता यशस्वी ने इस जुझारू इंसान का एक इंटरव्यू किया था. वही प्रस्तु... Read more
देवीधुरा का हिमालय – फोटो निबंध
आश्चर्य से भरा देवीधुरा का हिमालय, देवीधुरा होने को तो एक बेहद छोटा सा कस्बा है जो यात्रा के दौरान शुरू होने से पहले खत्म हो जाता है किंतु ये किसी को भी विस्मित कर सकता है, यहां से दिखने वाल... Read more
कंगडाली की यादें – धीराज गर्ब्याल के कैमरे से
धारचूला की चौदांस पट्टी रहने वाले रं संस्कृति के लोग हर बारहवें वर्ष कंगडाली का त्यौहार मनाते हैं. इस पर्व में चौदांस घाटी के लोग दूर-दूर से अपने गाँवों में आते हैं और एक नियत दिन पारम्परिक... Read more
विशाल राठौर का हिमालय – फोटो निबंध
मुम्बई में रहने वाले विशाल राठौर का उत्तराखण्ड के हिमालय से अन्तरंग रिश्ते हैं. बेहतरीन फोटोग्राफर विशाल राठौर उत्तराखण्... Read more
यूं तो हिमालय का ही सौंदर्य कम नहीं था उस पर पैयाँ के पेड़ का आकर्षण जाड़ों के मौसम में हिमालय पर चार चाँद लगाए हुए है.आइये आपको दिखाते हैं कसारदेवी अल्मोड़ा से कुदरत के इस खूबसूरत करिश्मे को !... Read more
रं सभ्यता के गाँव – रवि पतियाल के फोटो
फिलहाल भीमताल में रह रहे रवि पतियाल डायरेक्टरेट ऑफ़ कोल्ड वाटर फिशरीज़ में वैज्ञानिक हैं. धारचूला की चौंदास घाटी के पांगू गाँव के मूल निवासी रवि अपने क्षेत्र की जनता के विकास के लिए कार... Read more
जौलजीबी मेला 2018 – फोटो निबन्ध
जौलजीबी का मेला एक ऐतिहासिक ही नहीं सांस्कृतिक मेला भी है. नेपाल और पिथौरागढ़ सीमांत के इस क्षेत्र के लोगों के बीच एक लम्बे समय से रोटी बेटी का रिश्ता रहा है. जौलजीबी के मेले में व्यापार के स... Read more
Popular Posts
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध
- बातें करके लोगों का दिल कैसे जीतें
- जंगल बचने की आस : सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश
- सोशियल मीडिया में ट्रेंड हो रहा है #SaveJageshwar
- चाय की टपरी
- माँ जगदंबा सिद्ध पीठ डोलीडाना
- इस्मत चुग़ताई की कहानी : तो मर जाओ
- कहानी: रेल की रात
- भाबर नि जौंला…
- जनजाति विकास : मध्यवर्ती तकनीक, बेहतर भी कारगर भी