आदि बद्री मंदिर की तस्वीरें
कर्णप्रयाग से रानीखेत जाने वाले रास्ते पर 16 छोटे-छोटे प्राचीन मंदिरों का एक समूह है. यह मंदिर आदि बद्री मंदिर है जिसका प्राचीन नाम नारायण मठ कहा जाता है. पौराणिक मान्यता यह है कि भगवान विष्... Read more
पिथौरागढ़ मुख्य शहर से 3 किमी की दूरी पर स्थित है मां भगवती का वरदानी देवी मंदिर. चंडाक जाने वाली सड़क पर मुख्य सड़क से लगभग 75 मीटर नीचे की ओर मां भगवती का यह सुंदर मंदिर स्थित है. यहां से मोष... Read more
सफल यात्रा का आशीर्वाद देता गुरना माता का मंदिर
टनकपुर तवाघाट राजमार्ग पर पिथौरागढ़ मुख्यालय से 13 किमी की दूरी पर स्थित है मां गुरना देवी मंदिर. गुरना गांव में मंदिर होने के कारण इसे गुरना मंदिर कहा गया है जबकि मंदिर का वास्तविक नाम पाषाण... Read more
पिथौरागढ़ जिले से छः किलोमीटर की दूरी पर एक गांव कासनी है. पिथौरागढ झूलाघाट रोड पर स्थित इस गांव के पास ही एक देवल समेत का शिव मंदिर स्थित है. इसे सेरादेवल मंदिर कहते हैं. सेरादेवल शिव मंदिर... Read more
बर्फबारी के बाद नारायण आश्रम की तस्वीरें
उत्तराखण्ड में उत्तर पूर्वी कुमाऊँ के चौदास क्षेत्र में श्री कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के प्रारम्भिक पड़ाव, समुद्र तल से 2734 मीटर की ऊंचाई पर देवदार के जंगल के मध्य स्थित यह आश्रम अपने आप... Read more
उत्तराखंड के लद्दाख की तस्वीरें
उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में भारत तिब्बत सीमा पर एक गांव है जादुंग. जादुंग, नेलांग घाटी में स्थित एक गांव है. नेलांग घाटी एक इनरलाइन एरिया है जो कि भारत चीन के बॉर्डर पर पड़ता है, पर्यटकों के... Read more
मुनस्यारी में बर्फ
बुधवार के दिन भी उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी रही. हिमालय में इस बार पहले के मुकाबले ज्यादा बर्फ पड़ी है. बर्फ गिरने हिमालय के लगभग दस हजार ग्लेशियर के रिचार्ज होने की उम्मीद ह... Read more
रं महोत्सव 2018 – फोटो निबन्ध
इस बार धारचूला में रं महोत्सव (एजीएम) 2018 का आयोजन किया गया है, जिसमें दारमा, व्यांस, चौदांस के 37 गांवों के लोगों के साथ ही देश-विदेश में सेवाएं दे रहे रं समाज के लोग शिरकत कर रहे हैंं. इस... Read more
जौलजीबी मेला 2018 – फोटो निबन्ध
जौलजीबी का मेला एक ऐतिहासिक ही नहीं सांस्कृतिक मेला भी है. नेपाल और पिथौरागढ़ सीमांत के इस क्षेत्र के लोगों के बीच एक लम्बे समय से रोटी बेटी का रिश्ता रहा है. जौलजीबी के मेले में व्यापार के स... Read more
धारचूला के सीमांत गांव छिपलाकोट की छिपला जात
सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील में काली एवं गोरी घाटी के मध्य उच्च हिमालय में स्थित छिपला कोट, अपने में विशेष धार्मिक महत्व रखता है. समुद्र तल से लगभग 4200 मीटर की ऊचाई एवं बरम कस्ब... Read more
Popular Posts
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध
- बातें करके लोगों का दिल कैसे जीतें
- जंगल बचने की आस : सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश
- सोशियल मीडिया में ट्रेंड हो रहा है #SaveJageshwar
- चाय की टपरी
- माँ जगदंबा सिद्ध पीठ डोलीडाना
- इस्मत चुग़ताई की कहानी : तो मर जाओ
- कहानी: रेल की रात
- भाबर नि जौंला…
- जनजाति विकास : मध्यवर्ती तकनीक, बेहतर भी कारगर भी
- कुमाऊनी कविता की यात्रा के पड़ावों पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म ‘अंगवाल’
- राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का ‘भारत रंग महोत्सव’ रामनगर में आज से
- कल्पना करने की शक्ति से सपनों को सच करो