Home Milam Travelogue by Vinod Upreti
मिलम ग्लेशियर का वह सफ़र जो आखिरी हो सकता था
Posted By: Girish Lohanion:
मिलम, कहते हैं किसी समय अल्मोड़ा जिले के सबसे बड़े गांवों में एक गिना जाता था. यह इतना बड़ा था कि यहाँ के बारे में एक किस्सा ही चल पड़ा. जब कोई नई दुल्हन ब्याह कर यहाँ आती थी तो जब सुबह पानी... Read more
पहली बार जोहार की यात्रा के लिए जब कमल दा के साथ निकला था तो मुझे कत्तई पता न था कि मैं किस तरह की जगह जाने वाला हूँ. मैंने अपने याशिका कैमरे के लिए तीन डब्बे फिल्म के जुटाए और एक बैग किया त... Read more
Popular Posts
- लोक तंतर में पुलिस मंतर
- मुगल शासकों को लगता था कुमाऊं में मिट्टी धोने से सोना निकलता है
- पमपम बैंड मास्टर की बारात
- नदी, मुन्ना और वो काला पत्थर
- पिथौरागढ़ के अनछुये इतिहास के किस्से और प्रभात उप्रेती का आत्म-साक्षात्कार
- शान्ति बुआ की अन्तिम यात्रा
- इस साल मकर संक्रांति के दिन कौवे रूठे नज़र आये
- पहाड़ में सैणियों का प्रिय कमर का पट्टा
- अलेक्जैन्ड्रा डेविड-नील: तिब्बत पहुँचने वाली पहली विदेशी औरत
- भुकुंट भैरव: जिनके दर्शन बिना अधूरी है केदारनाथ यात्रा
- वर्ल्ड स्नो डे पर देखिये उत्तराखंड में बर्फबारी की तस्वीरें
- भारत के सबसे ‘अ’ लोकप्रिय मुख्यमंत्री
- पेट को फ्लैट और फौलादी बनाएंगे ये आसन
- 20 साल बाद भी सुविधाओं से वंचित हैं पहाड़ी गाँव
- बारिश में दो सहेलियों का पहाड़ी सफ़र
- औली: हमारा अपना स्विटजरलैंड
- लोक वाद्य बनाने और बजाने का प्रशिक्षण देने वाली कार्यशाला
- मनुभाई और उनका मनसुख
- आज से एक महीने तक घी से ढका रहेगा जागेश्वर ज्योतिर्लिंग
- आज के दिन सौ साल पहले बागेश्वर की फ़िजा गर्म थी
- उत्तरायणी में कौवों को खिलाने की परंपरा के बारे एक लोक कथा
- जै जिया के जयकारे से गूंजा रानीबाग
- आज पारम्परिक पकवानों की सुंगध बिखरेगी हर पहाड़ी परिवार में
- उतरैणी के बहाने बचपन की यादें
- अल्मोड़ा की आत्मा आज भी प्रकाशमान है – पत्रकार दीप जोशी को श्रद्धांजलि