आमा के हाथ का जादू सिर्फ खाने के जायके तक सीमित नहीं था. उसके हाथों ने गॉंव के उन तमाम लोगों के रोग और व्याधियों को भी दूर किया था जो डॉक्टरों के इंजेक्शनों और दवाईयों के बिलों के बोझ तले दब... Read more
आजकल आत्मनिर्भरता का शोर बहुत है लेकिन जब तक आमा थी यह शोर नहीं था. इसके बावजूद न सिर्फ आमा बल्कि पूरा परिवार ही आत्मनिर्भर था. घर में मवेशी इतने थे कि दूध, दही, घी से लेकर मक्खन और छाछ तक स... Read more
कॉलेजों की ऑनलाइन क्लासेज और पहाड़ के छात्र
कोरोना महामारी के इस दौर में सैकड़ों ज्वलंत मुद्दों के बीच एक महत्वपूर्ण मुद्दा शिक्षा की बदलती पद्धति को लेकर भी सामने आया है. पिछले दो महीनों से ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ ऑनलाइन वेबीनार की ब... Read more
आमा के हाथ का ज़ायक़ेदार खाना
गॉंव में कच्चा घर, गौशाला में बंधे गाय, बैल और भैंसे, लकड़ी का चूल्हा और इन सबसे घिरा गॉंव का जीवन अब शहरों की तरफ पलायित होने के बाद बहुत याद आता है. वैसे तो गॉंव की यादों के कई-कई ग्रंथ लि... Read more
आपदा की पहली मार पर्यटन को
किसी भी मानव जनित या प्राकृतिक आपदा का खामियाजा सबसे पहले पर्यटन क्षेत्र को ही भुगतना पड़ता है. 2001 में अमेरिका में हुआ 9/11 और फिर 2008 में भारत में हुआ 26/11 का बड़ा आतंकी हमला हो या फिर... Read more
शिक्षामंत्री और पेपर लीक की कहानी
पेपर लीक होने की खबर सुनते ही राज्य के तमाम छात्रों में हड़कंप मच गया और ऐसा ही कुछ हड़कंप राज्य की राजधानी में शिक्षा मंत्री के दफ्तर व सचिवालय में भी देखा गया. सब एक दूसरे के कान में कुछ क... Read more
नानकसागर डैम पार करने में बाधाएँ और खतरे
पिछले अंक में हमने बात की थी नानकमत्ता में नानकसागर डैम के पार स्थित गॉंवों की बदहाल स्थिति की. बेशक उन गॉंवों की स्थिति दशकों बाद भी बहुत अच्छी नहीं है लेकिन उन समस्याओं में भी एक सबसे बड़ी... Read more
रात के लगभग 10 बज रहे थे. एक मित्र का जन्मदिन मनाने के बाद मैं अपनी बाइक लेकर श्रीनगर के बिरला कैंपस से अपने हॉस्टल चौरास की तरफ बढ़ रहा था. श्रीनगर से चौरास कैंपस की दूरी बमुश्किल 3 किलोमीट... Read more
नानकमत्ता में नानकसागर डैम के पार के गॉंव
बाउली साहिब (नानकसागर डैम) की इन दिलकश और मनमोहक तस्वीरों के इस छोर से कभी नाव लेकर आप अगर दूसरे छोर पर उतरें तो आपको समझ में आएगा कि डैम के इस तरफ की जिंदगी और डैम के उस पार की जिंदगी में क... Read more
जेएनयू अपनी स्थापना से लेकर 2015 तक कभी इतना लाइमलाइट में नहीं रहा जितना पिछले कुछ वर्षों में रहा है. ऐसा नहीं है कि अतीत में जेएनयू में धरना प्रदर्शन या छात्रों की माँगों को लेकर नारेबाजी न... Read more
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