कलुवावीर : उत्तराखण्ड के लोकदेवता
Posted By: Sudhir Kumaron:
कलुवा शायद एक नागपंथी सिद्ध था. अपनी सिद्धियों की वजह से ही उसने इस पंथ में अपनी ख़ास जगह बना ली थी. कलुवावीर के बारे में कुमाऊँ और गढ़वाल मंडलों में अलग-अलग जनश्रुतियां चलन में हैं. (Kalwav... Read more
Popular Posts
- अल्मोड़ा नंदा देवी मेले में सांस्कृतिक परिधानों में बच्चे : फोटो निबंध
- एक आर्टिस्ट के तौर पर वह अपनी प्रतिभा के चरमोत्कर्ष पर था
- युवा फोटोग्राफर अमित साह को विनम्र श्रद्धांजलि
- पहाड़ के मयाले हीरा सिंह राणा का जन्मदिन है आज
- कल है ऋतुपर्व ‘खतड़वा’
- हॉट स्प्रिंग, ग्लेशियर और बुग्याल और विनाश की कार्यशाला
- पिथौरागढ़ की हिलजात्रा – फोटो निबंध
- मध्य अफ्रीकी देश गैबॉन और उसकी राजधानी लिब्रेविले के बारे में
- मध्य हिमालय के जैविक उत्पाद
- फकमफोड़, फ़नेटिक्स, फ्रेंड और पाॅपकाॅर्न का हिंदी कनेक्शन
- सपने जैसी लगती है इस पहाड़ी लड़की के रिवर्स माइग्रेशन की कहानी
- नन्दागाथा में सृष्टि निर्माण की सम्पूर्ण कथा
- कहानी : मैं हिंदू हूं
- शारदा और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती की पहली पुण्यतिथि
- दूध का क़र्ज़
- मुझे अच्छे लगते हैं पहाड़ : कुमार कृष्ण
- एक पहाड़ी जिसने संविधान सभा में ‘इण्डिया’ नाम का विरोध किया
- मातृशक्ति के अभिनंदन का लोकोत्सव नंदा देवी पर्व
- इमामदस्ता या खलमूसल
- जवान – पहाड़ी फौजी की कहानी
- कुमाऊनी कृष्ण भजन
- दारुका वने ज्योतिर्लिङ्ग का मूल जागेश्वर सिद्धपीठ
- आजकल बिनसर के जंगल की खुशबू लेना अमृतपान करने जैसा है
- एक डॉक्टर से मुलाकात
- लम्बे इंतजार बाद राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण