लाखामंडल का महाभारतकालीन शिव मंदिर
उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के लाखामंडल गाँव के पास ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्त्व की धरोहरें हैं. ये धरोहरें उपेक्षित हैं, इसी वजह से जिस जगह पर सैलानियों का साल भर ताँता लगा रहना चाह... Read more
लाखामंडल उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के देहरादून जिले की ग्राम सभा है. यह क्षेत्र जौनसार बावर के रूप में भी अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान रखता है. लगभग 1000 की आबादी वाले इस गाँव में उत्तराखण्ड के... Read more
फुलदेई की फुल्यारी बसंत के रंग
फुलदेई, फुल्यारी के रंग फुलदेई का त्यौहार (Phool Dei Festival) उत्तराखण्ड में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. जितने रंग बसंत के हैं उतने ही इस त्यौहार के भी. गढ़वाल मंडल (Garhwal) में यह त्य... Read more
इंटरनेट और सोशल मीडिया के अस्तित्व में आने के बाद से जौनसार बावर में गीत गाने वालों की बाढ़ सी आ गयी है. गीत गाना और उन्हें रचना अपने आप में एक कलात्मक अभिव्यक्ति है. गीत गाने या रचने वाले से... Read more
स्थानीयता के बिना संस्कृति को बचाने की कवायद
बाकी देश में दीवाली भले ही कार्तिक माह के दौरान पड़ने वाली अमावस्या को मनाई जाती हो लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के जन-जातीय क्षेत्र जौनसार बावर के बहुत से गाँवों के साथ-साथ महासू क्षे... Read more
जौनसार-बावरः अतीत से भविष्य तक –सुभाष तराण सुदूर उत्तर भारत के पहाडी प्रदेश उत्तराखंड में यमुना अपने उद्गम से लगभग सौ मील चल कर जब देहरादून जिले के पुरातन स्थल कालसी पहुँचती है तो वहाँ उसका... Read more
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