Home Intricacies of the Kumaoni Language
पहाड़ी तकिया कलाम नहीं वाणी की चतुरता की नायाब मिसाल है ठैरा और बल का इस्तेमाल
Posted By: Kafal Treeon:
आम पहाड़ियों में ठैरा और बल शब्द जाने-अनजाने उनका पीछा नहीं छोड़ते. सुदूर महानगरों में रहने वाले लोग भी जो पैदायशी उत्तराखण्डी हों हिन्दी बोलते वक्त भी इन शब्दों के यदा कदा प्रयोग करने पर उ... Read more
हमारे एक कुमाउंनी मित्र ने कुछ समय पूर्व अपनी आंखों का आपरेशन कराया. उन्हें मोतियाबिंद हो गया था. मिलने पर जब बातचीत हुई तो उन्होंने आंखों में ‘बडू जाव’ शब्द का प्रयोग किया, मोतियाबिंद का नह... Read more
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