Home History of Kumaoni Ramlila
यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक संपदा सूची में शामिल कुमाऊनी रामलीला का इतिहास
Posted By: Girish Lohanion:
कुमाऊं अंचल में रामलीला के मंचन की परंपरा का इतिहास लगभग 160 वर्षों से भी अधिक पुराना है. यहाँ की रामलीला मुख्यतः रामचरित मानस पर आधारित है जिसे गीत एवं नाट्य शैली में प्रस्तुत किया जाता है.... Read more
Popular Posts
- रमोलिया हाउस में रंगोत्सव : कलर्स ऑफ होप
- रंग बातें करें और बातों से ख़ुशबू आए
- ‘रमोलिया हाउस’ में युवा कलाकारों की पेंटिंग एग्ज़िबिशन
- उत्तराखंड की जागर गाथाएं
- 1960 में कड़ाके की सर्दी के बीच बद्रीनाथ धाम में पाँच दिन
- खूबसूरत वादियों, मोहिले जन और विचित्र कथाओं का वृतांत
- लोक देवता के लिए रास्ता मांगने सड़कों पर उतरे सोर घाटी के ग्रामीण
- गोल्ड मैडल जीतने वाली मानसी नेगी का दर्द
- पानी की मांग कर रहे लोगों पर मुकदमा कमजोर समाज की नियति
- फूलदेई के बहाने डांड्यौं कांठ्यूं का मुलुक…
- राजी जनजीवन की झलक दिखाता एक बेहतरीन उपन्यास
- ‘रमोलिया हाउस’ हमारी नई शुरुआत
- फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार
- कहानी : कैकेयी कंडक्टर और ‘बस-हो-चली-बुढ़िया’
- जार्ज VI के काल का सिक्का पहाड़ में कहलाया छेदु डबल
- कुमाऊँ की ‘हिमानी’ के ऐपण आर्ट की दिल्ली में ‘प्रस्तुति’
- कीड़ाजड़ी – पिण्डर घाटी के जीवन का जादुई आईना
- अंकिता हत्याकांड पर तथ्य अन्वेषण रपट
- जब बंदर और लंगूर के शरीर से बना हुड़का गमकता है
- पर्यटकों के बीच खूब लोकप्रिय हो रहा है मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट
- कुमाऊनी परिवारों में भांजे-भांजियों को मिलता है विशेष सम्मान
- समधी-समधिन की प्रतिकृति बनाने की अनूठी परम्परा
- इन 3 प्राणायामों से रखिए अपने दिमाग को सुपर हेल्दी
- पहाड़ों में लोसर से नव वर्ष
- सिनेमा का शौक और शब्दभेदी वरदान