भूमि की अंदरूनी सतह में स्थित टेक्टोनिक प्लेट्स के हिलने तथा एक दूसरे से टकराने के कारण पहाड़ों और पथरीली चट्टानों में पड़ी दरारों से निकल रहे जल स्रोतों को कहते हैं स्प्रिंग्स. पहाड़ों मे इन... Read more
मदमहेश्वर: जहां शिव की नाभि पूजी जाती है
द्वितीय केदार मदमहेश्वर मद्महेश्वर, मध्यमहेश्वर या मदमहेश्वर उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह पंचकेदार मंदिर समूह का द्वितीय केदार है. प्रथम केदार केदारनाथ, तृतीय केदा... Read more
पर्यटन को उत्तराखण्ड के आर्थिक विकास के प्रमुख स्रोत के रूप में देखा जाता रहा है. बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, पञ्च केदार, आदि कैलाश, हरिद्वार, ऋषिकेश, हेमकुण्ड, रीठा साहिब, नानक... Read more
निखालिस पहाड़ी बछेंद्री पाल संसार की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला ‘माउंट एवरेस्ट’ को फतह करने वाली दुनिया की 5वीं और प्रथम भारतीय महिला हैं. इन्होंने यह कारनामा 23 मई, 1984 के दिन 1 बजकर 7 मिनट प... Read more
ग्रीन बोनस पर मुखर होने का समय आ गया है
हम हिमालय के चौकीदार, मांग रहे अपनी पगार उत्तराखंड में निर्माणाधीन ऑल वेदर रोड पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पर्यावरण के आधार पर निर्माण कार्य रोके जाने के बाद हिमालय समाज खासकर उत्तराखंड म... Read more
जल्दी ही बहुत कुछ किया जाना है हिमालय के लिए
मावन सभ्यता का रखवाला हिमालय -सुन्दरलाल बहुगुणा हिमालयी वनों से देश को हर साल 6.96 लाख करोड़ रुपए की पर्यावरणीय सेवाएँ प्राप्त हो रही हैं. इन सेवाओं को विस्तृत रूप में देखा जाये तो गंगा, ब्र... Read more
केदारनाथ पहुंचा बन्दर, तो लेह लद्दाख पहुंचा लँगूर
हिमालय ग्लोबल वार्मिंग से झुलस रहा है. अब इसका असर दिखने लगा है. लेह लद्दाख में लंगूर पहुंच गये हैं तो केदारनाथ से ऊपर तक बंदर आराम से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. ये दोनों ही जीव अमूमन, ज... Read more
पहाड़ से ये कमाई बंद करो
हमारी जरूरत को तुम लूट का बिंदु बनाते हो -शिवप्रसाद जोशी कुदरत इसी तरह से प्रहार करती आई है. 16-17 जून 2013 का प्रहार विध्वसंक था, जानलेवा था. सैलानी थे शोर था वाहन थे धर्मांधता थी. और वर्चस... Read more
हिमालयी विकास का ढाँचा – अनिल प्रकाश जोशी हिमालय को समझने की भूल शुरुआती दौर से ही हो चुकी है. इसे पहाड़, पानी, वनों का ही हिस्सा समझते हुए व्यवहार किया गया, जबकि हिमालय वेद पुराण के अ... Read more
जून, 2017 में नीति आयोग ने हिमालय की विशिष्टता और निरंतर विकास की चुनौतियों को समझते हुए पाँच कार्य दलों का गठन किया ताकि विषय संबंधी पाँच विषय क्षेत्रों में कार्य करने के लिये एक रोड मैप तै... Read more
Popular Posts
- चम्पावत बालेश्वर मंदिर का अनूठा शिल्प
- रानीखेत में नंदा अष्टमी का मेला
- अल्मोड़ा में अपने जननायक को ऐसे याद किया गया
- अल्मोड़ा नंदा देवी मेले में सांस्कृतिक परिधानों में बच्चे : फोटो निबंध
- एक आर्टिस्ट के तौर पर वह अपनी प्रतिभा के चरमोत्कर्ष पर था
- युवा फोटोग्राफर अमित साह को विनम्र श्रद्धांजलि
- पहाड़ के मयाले हीरा सिंह राणा का जन्मदिन है आज
- कल है ऋतुपर्व ‘खतड़वा’
- हॉट स्प्रिंग, ग्लेशियर और बुग्याल और विनाश की कार्यशाला
- पिथौरागढ़ की हिलजात्रा – फोटो निबंध
- मध्य अफ्रीकी देश गैबॉन और उसकी राजधानी लिब्रेविले के बारे में
- मध्य हिमालय के जैविक उत्पाद
- फकमफोड़, फ़नेटिक्स, फ्रेंड और पाॅपकाॅर्न का हिंदी कनेक्शन
- सपने जैसी लगती है इस पहाड़ी लड़की के रिवर्स माइग्रेशन की कहानी
- नन्दागाथा में सृष्टि निर्माण की सम्पूर्ण कथा
- कहानी : मैं हिंदू हूं
- शारदा और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती की पहली पुण्यतिथि
- दूध का क़र्ज़
- मुझे अच्छे लगते हैं पहाड़ : कुमार कृष्ण
- एक पहाड़ी जिसने संविधान सभा में ‘इण्डिया’ नाम का विरोध किया
- मातृशक्ति के अभिनंदन का लोकोत्सव नंदा देवी पर्व
- इमामदस्ता या खलमूसल
- जवान – पहाड़ी फौजी की कहानी
- कुमाऊनी कृष्ण भजन
- दारुका वने ज्योतिर्लिङ्ग का मूल जागेश्वर सिद्धपीठ