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‘हरी भरी उम्मीद’ की समीक्षा : प्रभात उप्रेती
Posted By: Kafal Treeon:
सारे भारत में जनजातीय इलाकों में जो कौम बसती थी उनको रोजी-रोटी जिंदगी, जंगलों से चलती है. उनका उन पर परम्परागत हक था. बैंकर बनिये अंग्रेज आये, मुनाफे के लिए जंगल कटाये. जब जंगल कम होने लगे त... Read more
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