जानूँ जानूँ री, काहे खनके है तोरा कंगना
Posted By: Girish Lohanion:
मेलोडेलिशियस – 2 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़’ की तरह कुछ गाने काले-सफेद से मेरे अंदर बैठ गए हैं. यूं लगता... Read more
जो मैं जानती बिसरत हैं सइयाँ
Posted By: Girish Lohanion:
आज से हम एक नया संगीतमय कॉलम शुरू करने जा रहे हैं. यह कॉलम अमित श्रीवास्तव और रुचिता तिवारी की जुगलबंदी के रूप में होगा. मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा यह लेख रुचिता तिवारी द्वारा लिखा गया है.... Read more
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