Home Corona Epidemic in India
‘सेपीयन्स’ ‘होमो डेयस’ और ‘21 लेसन फॉर 21 फर्स्ट सेंचुरी’ आदि किताबों के लेखक युवाल नोहा हरारी के कोरोना महामारी के वक्त में लिखे गए लेख इस समय दुनिया भर में चर्चित हैं. ‘द ग... Read more
कोरोनावायरस के अंत के बाद की दुनिया
Posted By: Sudhir Kumaron:
‘सेपीयन्स’ ‘होमो डेयस’ और ‘21 लेसन फॉर 21 फर्स्ट सेंचुरी’ आदि किताबों के लेखक युवाल नोहा हरारी के कोरोना महामारी के वक्त में लिखे गए लेख इस समय दुनिया भर में चर्चित हैं. अंग्रेजी में लिखे मू... Read more
कोरोना महामारी के समय एक जरुरी लेख
Posted By: Kafal Treeon:
दुनिया नहीं खत्म होने वाली लेकिन कुछ लोग होंगे जिनकी पूरी दुनिया खत्म हो जाने वाली है. पूरी दुनिया अब भारत जैसे देशों की कार्यवाही पर निर्भर करती है. इस वायरस का प्रकोप कम होने के बाद दुनिया... Read more
Popular Posts
- 1960 में कड़ाके की सर्दी के बीच बद्रीनाथ धाम में पाँच दिन
- खूबसूरत वादियों, मोहिले जन और विचित्र कथाओं का वृतांत
- लोक देवता के लिए रास्ता मांगने सड़कों पर उतरे सोर घाटी के ग्रामीण
- गोल्ड मैडल जीतने वाली मानसी नेगी का दर्द
- पानी की मांग कर रहे लोगों पर मुकदमा कमजोर समाज की नियति
- फूलदेई के बहाने डांड्यौं कांठ्यूं का मुलुक…
- राजी जनजीवन की झलक दिखाता एक बेहतरीन उपन्यास
- ‘रमोलिया हाउस’ हमारी नई शुरुआत
- फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार
- कहानी : कैकेयी कंडक्टर और ‘बस-हो-चली-बुढ़िया’
- जार्ज VI के काल का सिक्का पहाड़ में कहलाया छेदु डबल
- कुमाऊँ की ‘हिमानी’ के ऐपण आर्ट की दिल्ली में ‘प्रस्तुति’
- कीड़ाजड़ी – पिण्डर घाटी के जीवन का जादुई आईना
- अंकिता हत्याकांड पर तथ्य अन्वेषण रपट
- जब बंदर और लंगूर के शरीर से बना हुड़का गमकता है
- पर्यटकों के बीच खूब लोकप्रिय हो रहा है मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट
- कुमाऊनी परिवारों में भांजे-भांजियों को मिलता है विशेष सम्मान
- समधी-समधिन की प्रतिकृति बनाने की अनूठी परम्परा
- इन 3 प्राणायामों से रखिए अपने दिमाग को सुपर हेल्दी
- पहाड़ों में लोसर से नव वर्ष
- सिनेमा का शौक और शब्दभेदी वरदान
- कविता : नाक के पहाड़ से
- नन्ही लाल चुन्नी की कहानी
- घुघुति-बासूती
- अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल